पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार प्रदेश के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों एवं उनके अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों का वेतन अलग-अलग सीधे उनके खाते में भुगतान करने पर शिक्षा विभाग गंभीरता से विचार कर रहा है।
इसकी फुल प्रूफ तैयारी करीब-करीब पूरी की जा चुकी है। इसके लिए शिक्षा विभाग एक खास पोर्टल विकसित कर रहा है। पोर्टल के संचालन की प्रक्रिया समझने के लिए शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया है। वेतन भुगतान की यह नयी व्यवस्था होगी।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक अभी तक वेतन भुगतान के लिए शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों के खाते में पैसा डालता है। वहां से वह विभिन्न प्रक्रियाओं के बाद शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के खाते में पैसा डाला जाता है। इसमें तमाम विसंगतियां भी सामने आती हैं। इन सब बातों के मद्देनजर शिक्षा विभाग उच्च शिक्षण संस्थानों के कर्मचारियों के वेतन भुगतान की नयी व्यवस्था करने जा रहा है।
इस व्यवस्था को प्रभावी तौर पर लागू करने उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी ने राज्य के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों के कुल सचिवों और अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों को विशेष प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया है।
प्रशिक्षण के लिए प्रधानाचार्य, बर्सर, कुल सचिव, वित्तीय परामर्शी और वित्त पदाधिकारी को बुलाया है, ताकि विकसित किये जा रहे पोर्टल पर महाविद्यालय / विश्वविद्यालय स्तर से सीधे जरूरी सूचनाएं मसलन कर्मचारियों का आधिकारिक डाटा अपलोड की जा सकें। इसके लिए कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों को लाग इन एवं पासवर्ड भी दिया जायेगा।
विभाग की तरफ से जारी आधिकारिक पत्र के मुताबिक विश्वविद्यालयों एवं उनके अंगीभूत कॉलेजों के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देने अलग-अलग तिथियां एवं स्थान तय किये गये हैं।
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय, एमएमएच अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय और उनके अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों 25 मई को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है। जबकि बीएन मंडल विश्वविद्यालय, एलएमएनयू केसडीएस विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय, टीएमबीयू एवं उनके अंगीभूत कॉलेजों के प्रतिनिधियों को 27 मई को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है।
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