पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा TRE-1.0 TRE-2.0 के तहत बहाली में व्यापक पैमाने पर लापरवाही बरती गयी है। इसी क्रम में औरंगाबाद जिले में चयनित 39 वीपीएससी शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है। उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है। उन्होंने चयन प्रक्रिया के तहत सीटेट और बीटेटे संबंधित गलत जानकारी दी गयी थी। अब शिक्षा विभाग ने उनसे 3 दिन के अंदर साक्ष्य के साथ स्पष्टीकरण मांगा गया है।
औरंगाबाद जिला शिक्षा पदाधिकारी (स्थापना शाखा) ने एक सूची में जारी की है। जिसमें लिखा है कि आप सभी की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के विज्ञापन संख्या 26 / 2023 के आलोक में हुई है, परन्तु आपके द्वारा उपस्थापित शैक्षणिक-प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आपकी योग्यता विद्यालय अध्यापक हेतु समुचित नहीं है।
ज्ञात हो कि विज्ञापन के आलोक में किसी भी प्रकार के आरक्षण का लाभ सिर्फ बिहार राज्य के निवासियों को ही देय है। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देश एवं विज्ञप्ति के आलोक में पटना उच्च न्यायालय द्वारा निर्गत न्याय निर्णय के उपरान्त बिहार माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने स्पष्ट किया है कि बिहार राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णांक हेतु 5 प्रतिशत का छूट देय नहीं होगा।
अर्थात् विद्यालय अध्यापक की नियुक्ति हेतु प्रकाशित विज्ञापन के आलोक में आप सभी सामान्य श्रेणी हेतु निर्धारित शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्णाक की अर्हता पूरी नहीं करते हैं। जबकि आवेदन में आपने अंकित किया है कि आप नियुक्ति हेतु सभी आवश्यक अहर्ता पूरी करते हैं, जो सही नहीं है।
उक्त के आलोक में आपके शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्राप्तांक 60 प्रतिशत से कम होने के कारण आपकी उम्मीदवारी निरस्त करने योग्य है। अतः तीन दिनों के अंदर अपने शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक, शिक्षक पात्रता प्रमाण-पत्र एवं अन्य आवश्यक प्रमाण पत्रों की स्वअभिप्रमाणित प्रति के साथ स्पष्टीकरण समर्पित करें कि क्यों न आपके अभ्यर्थित्व को निरस्त करते हुए आपका औपबंधिक नियुक्ति पत्र को रद्द किया जाय।
समयावधि में जवाब नहीं प्राप्त होने पर यह माना जायेगा कि इस संदर्भ में आपको कुछ नहीं कहना है एवं तदालोक में विभाग द्वारा अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी।
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