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    Friday, April 19, 2024
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      भ्रष्टाचार का अड्डा है नालंदा थाना, अब दरोगा की रिश्वत मांगते-लेते हुए वीडियो वायरल

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के थानों में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। आम तौर पर कहा जाता है कि यहां प्रायः थानेदारों के पदास्थापन में योग्यता कम और अवैध कमाई की कार्यकुशलता अधिक देखी जाती है।

      पिछले कुछ दिनों से नालंदा थाना के एक दारोगा द्वारा रिश्वत लिए जाने की वीडियो वायरल हो रहा है। जिस पुलिस एएसआई द्वारा बेशर्मी से घूस मांगे जा रहे हैं, उसका नाम वीर बहादुर सिंह बताया जाता है।

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      पाटीदार के हमले में जख्मी पीड़ित विनोद का पुत्र….

      हालांकि वीडियो में कथित दारोगा सीधे 2 हजार की सीधे रिश्वत लेते हुए नहीं दिख रहा है, लेकिन उसकी आवाज स्पष्ट तौर पर सुनाई देती है कि भष्ट्राचार की गंगोत्री में वह कितना बेशर्म है।

      यहां के थानेदार पर भी आए दिन उंगलियां उठती रहती है, लेकिन चूकि वह सत्ता दल के एक हाई प्रोफाईल नेता का चहेता वर्दीधारी है, इसीलिए उसके खिलाफ की गई शिकायत पर कहीं कोई सुनवाई नहीं होती।

      नालंदा थाना के सकरौढ़ा गांव निवासी विनोद कुमार बताते हैं कि उनका भाई से संपति विवाद चल रहा है। उसकी शिकायत लेकर थाना गए और प्रभारी से शिकायत की। उस दिन पुलिस वाहन के तेल के नाम पर 500 रुपए लिए गए। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

      इधर जब विनोद कुमार अपनी पत्नी के साथ थाना में भाई के खिलाफ परेशान किए जाने की लिखित शिकायत कर घर वापस लौटे तो उनके पाटीदार भाई अपने सहयोगियों के साथ मिलकर थाना में हुई शिकायत की चर्चा करते हुए झगड़ा करने लगे और मारपीट किया। जिसमें विनोद की पत्नी एवं पुत्र गंभीर रुप से जख्मी हो गए।

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      नालंदा थाना में दर्ज प्राथमिकी, जिसे लेकर लिए गए रिश्वत…

      इसके बाद जब वे शिकायत लेकर नालंदा थाना गए तो थानेदार शशि रंजन ने एएसआई वीर बहादुर सिंह से मिलने की बात कही। शिकायत तो दर्ज कर ली गई, लेकिन तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की गई।

      इसके बाद कार्रवाई की बात करने पर दारोगा वीर बहादुर सिंह द्वारा पैसे की मांग होने लगा। लॉकडाउन में किसी तरह इंतजाम कर 2000 रुपए दिए। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई और पुनः पैसे की मांग किए जाने लगे।

      विनोद बताते हैं कि वे बच्चों की पढ़ाई को लेकर सपरिवार किराए पर बिहार शरीफ में रह रहे थे। जहां वे नीजि वाहन चलाकर भरण पोषण कर रहे थे। लेकिन लॉकडाउन में उन्हें गांव लौटना पड़ा, वहां उनका भाई घर में रहने देना नहीं चाहता था।

      विनोद ने यह भी बताया कि जब उसने नालंदा पुलिस द्वारा और पैसे की मांग से अजीज आ गए तो उन्होंने 2000 रुपए मांगने-लेने का वीडियो बनाया और वायरल कर दिया।

      वीडियो वायरल होने के बाद राजगीर डीएसपी सोमनाथ प्रसाद ने विनोद को फोन किया और कार्यालय में आकर मिलने की बात कही है। लेकिन विनोद ने कहा कि वे एसपी के पास जाकर शिकायत करेंगे।

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