देशराजनीति

खनन पट्टा मामले में हेमंत सरकार को बचाने के लिए समझें झामुमो का प्लान A और B

राँची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)।  झारखंड की राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा, उसे देखने का समय नजदीक आ रहा है।

सीएम हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग को जवाब सौंप दिया है, अब चुनाव आयोग 31 मई को अपना फैसला सुनाएगा। फैसला क्या होगा इसपर कई जानकारों के अपने-अपने तर्क हैं।

कुछ कानूनविदों का कहना है कि हेमंत की सदस्यता चली जाएगी। वहीं कुछ जानकारों  का कहना है कि ऐसे कई मामले उदाहरण के तौर पर लिए जा सकते हैं, जिसमें विधायक की सदस्यता नहीं जाती है। क्या होगा यह कहना फिलहाल मुश्किल है। लेकिन जेएमएम ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है।

फिलवक्त जो राजनीतिक समीकरण है, उसमें बीजेपी को अब कुछ करने की जरूरत है। जो भी डिफेंस का काम करना है, वो जेएमएम को ही करना है। बीजेपी बस वेट एंड वाच के मूड में है।

इस बाबत जेएमएम की तरफ से दो तरह के प्लान तैयार किए गए हैं। अगर एक प्लान फेल होता है तो दूसरे प्लान के तहत जेएमएम काम करेगा।

जेएमएम का प्लान ए सीधा और आसान है। 31 मई को चुनाव आयोग की तरफ से हेमंत सोरेन के मामले में फैसला आने वाला है। सीएम हेमंत सोरेन की तरफ से जो जवाब दिया गया है, उसमें हरियाणा और गोवा के दो उदाहरण दिए गए हैं।

उक्त दोनों मामले मौजूदा हेमंत सोरने के खनन पट्टा लीज प्रकरण के जैसे ही हैं। इन दोनों मामले में विधायक की सदस्यता नहीं गयी थी। अगर ऐसा ही हेमंत के साथ होता है, बिना कुछ किए ही हेमंत और जेएमएम के सिर पर मंडरा रहे संकट के बाद छंट जाएंगे।

जेएमएम की तरफ से जो प्लान बी बनाया गया है, वो काफी सोच समझ कर कानूनविदों की राय लेकर बनाया गया है। चुनाव आयोग को काफी नजदीक से जानने वाले एक अधिकारी का कहना है कि आयोग की तरफ से जो भी फैसला आएगा वो अर्द्ध न्यायिक होगा।

आयोग की तरफ से हेमंत सोरेन को अयोग्य घोषित कर भी दिया जाता है, तो वे दोबारा चुनाव लड़ सकते हैं। उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता है।

कानूनविदों का कहना है कि अगर कोर्ट की तरफ से दो साल या उससे ज्यादा की सजा सुनायी जाती तो कोई भी जनप्रतिनिधि कुछ वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ सकता है।

उदाहरण के तौर पर बंधु तिर्की को लिया जा सकता है। लेकिन आयोग की तरफ से सदस्यता रद्द करने पर कोई भी जनप्रतिनिधि दोबारा चुनाव लड़ सकता है।

इस प्लान के मुताबिक अगर हेमंत सोरेन अयोग्य साबित भी होते हैं, तो वो अपनी कुर्सी पर काबिज रहेंगे और छह महीने के अंदर बरहेट से ही उपचुनाव लड़ेंगे। अगर चुनाव में जीत होती है, तो वो सत्ता पर लगातार काबिज रहेंगे।

प्रेम प्रसंग मामले में एक युवती समेत 3 नाबालिग की हत्या कर शव को यूं रेल पटरी पर रख दिया !

जानें क्या है लालू परिवार के खिलाफ सीबीआई की नई एफआईआर,12 आरोपियों में कौन-कौन हैं शामिल

राबड़ी आवास समेत दिल्ली-पटना में लालू यादव के कुल 17 ठिकानों पर सीबीआई की रेड

सीटीईटी और बीटीईटी पास सैकड़ों अभ्यर्थियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, सरकार बेपरवाह

अनियंत्रित होकर नहर में गिरी कार, 6 बारातियों की मौत, 1 गंभीर

Related Articles

Back to top button
Ashoka Pillar of Vaishali, A symbol of Bihar’s glory Hot pose of actress Kangana Ranaut The beautiful historical Golghar of Patna These 5 science museums must be shown to children once