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    Sunday, May 5, 2024
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      बोकारो सदर अस्पताल में हिमोफिलिया का ईलाज शुरु, मरीजों को अब रांची नहीं जाना पड़ेगा

      बोकारो (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बोकारो जिले के थैलीसिमिया व हिमोफिलिया के मरीज एवं उनके परिजनों के लिए अच्छी खबर है। सदर अस्पताल में इनके लिए 10 बेडों का अलग वॉर्ड बनाया गया है, जहां थैलीसिमिया के मरीजों को ब्लड चढ़ाया जाएगा व हिमोफिलिया के मरीजों को सप्ताह में पड़ने वाले दोनों इंजेक्शन दिए जाएंगे।

      पहले थैलीसिमिया के मरीजों को खून के लिए ब्लड बैंक में इंतजार करना पड़ता था व हिमोफिलिया के मरीजों को इंजेक्शन के लिए सप्ताह में दो बार रांची स्थित रिम्स जाना पड़ता था।

      हिमोफिलिया के मरीज को सप्ताह में दो इंजेक्शन लेना जरूरी होता है। अन्यथा उनके कटे हुए अंग से ब्लड का बहाव रुकता नहीं है। ऐसे में मरीजों के लिए यह इंजेक्शन लेना अनिवार्य होता है।

      अभी तक बोकारो के मरीज इस इंजेक्शन के लिए सप्ताह में दो दिन रिम्स जाते थे। इसमें मरीज व उनके परिजनों को आने-जाने में परेशानी के साथ-साथ किराया का खर्च भी उठाना पड़ता था। जो गरीब मरीजों के लिए संभव नहीं हो पा रहा था। ऐसे में कई मरीज इलाज से वंचित भी रह जाते थे।

      मरीजों को होगी सुविधाः सदर अस्पताल के ब्लड बैंक की प्रभारी मैथिली ठाकुर ने बताया कि 10 बेड का नया वॉर्ड बन जाने से थैलीसिमिया व हिमोफिलिया के मरीजों को सुविधा होगी। पहले थैलीसिमिया के मरीजों को ब्लड चढ़ाने के लिए ब्लड बैंक में इंतजार करना पड़ता था। उन्हें इस वॉर्ड में ब्लड चढ़ाया जा रहा है।

      वहीं, हिमोफिलिया के मरीज को इंजेक्शन के लिए रांची जाना होता था। लेकिन अब सदर अस्पताल में ही फैक्टर 8 व फैक्टर 9 का इंजेक्शन मुफ्त में उपलब्ध है।

      रांची ही बताएगी हिमोफिलिया है या नहींः मैथिली ठाकुर ने बताया कि हिमोफिलिया मर्ज का पता बोकारो में अब भी नहीं लगाया जा सकता। इस बीमारी का संदेह होने पर जांच के लिए या कन्फर्मेशन के लिए अब भी रांची जाना पड़ेगा। लेकिन सप्ताह में पड़नेवाला जरूरी इंजेक्शन यहां मिल जाएगा।

      उन्होंने बताया कि यह इंजेक्शन सप्ताह में दो दिन बुधवार व शनिवार को दिया जाएग। यदि किसी को आपात स्थिति में इसकी जरूर पड़ी तो भी इंजेक्शन मिल जाएगा।

      उन्होंने बताया कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार बोकारो जिले में हिमोफिलिया के करीब 35 व थैलीसिमिया के 120 मरीज हैं।

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