एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। पटना हाइकोर्ट ने शराब सेवन की जांच को लेकर एक बड़ा आदेश (Big decision) दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि केवल ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट शराब सेवन का निर्णायक सबूत नहीं माना जा सकता है।
न्यायाधीश विवेक चौधरी की एकलपीठ ने प्रभाकर कुमार सिंह नामक पीड़ित की रीट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
हाइकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में पारित फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि खून और पेशाब किए बगैर केवल ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट की रिपोर्ट यह साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है कि संबंधित व्यक्ति ने शराब का सेवन कर रखा है।
बता दें कि सुपौल अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय में पदास्थापित किरानी प्रभाकर कुमार सिंह को 5 फरवरी, 2018 को शराब सेवन करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
उसके बाद विभाग ने बिहार राज्य सेवा संहिता का हवाला देते हुए उसे सस्पेंड कर दिया गया और उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गयी।
जबकि याचिकाकर्ता ने विभागीय कार्रवाई के दौरान स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि उपरोक्त समय पर वह सर्दी और खांसी से पीड़ित था और उसने अल्कोहल युक्त कफ सिरप लिया था, न कि शराब का सेवन किया था।
- NEET paper leak case: हजारीबाग में टोटो पर लादकर बैंक भेजा था नीट प्रश्नपत्र का बंडल
- Para Bomb: नामकुम में घर निर्माण के दौरान मिट्टी खुदाई मिला पावरफुल पैरा बम
- Anti Paper Leak Law: एंटी पेपर लीक कानून लागू, 10 साल तक कैद,1 करोड़ तक जुर्माना
- E-Shikshakosh portal app: 25 जून से यूं उपस्थिति दर्ज करेंगे शिक्षक
- 28 जून को बिहार के मात्र दो जिलों में होगी प्रधानाध्यापक नियुक्ति परीक्षा