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तिलैया डैम बनेगा अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल, ईको टूरिज्म के तहत होगा विकास

यह परियोजना झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम द्वारा कार्यान्वित की जाएगी और इसके लिए आवश्यक जमीन राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। यदि सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं हुई तो राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण करेगी…

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड के कोडरमा जिले में स्थित तिलैया डैम जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बनने जा रहा है। झारखंड पर्यटन विभाग ने इसे ईको-टूरिज्म के तहत विकसित करने की योजना को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने इस परियोजना के लिए 34.87 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।

तिलैया डैम झारखंड का पहला डैम है, जिसका निर्माण दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा किया गया था। यह क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता, हरियाली और जलस्रोतों से समृद्ध है। इस परियोजना के तहत डैम को ‘ग्रीन वैली’ के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव है, जो पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाएगा।

केंद्र सरकार की विशेष सहायता योजना के तहत राज्य को 50 साल के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे इस परियोजना को गति मिलेगी। हालांकि, लेबर सेस और एजेंसी चार्ज के रूप में लगभग 2 करोड़ रुपये का खर्च राज्य सरकार को वहन करना होगा।

तिलैया डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कई आकर्षक सुविधाएं शुरू की जाएंगी, जो पर्यावरण संरक्षण के साथ पर्यटन को बढ़ावा देंगी।

नौका विहार: पर्यटकों को डैम के शांत जल में नौका विहार का आनंद मिलेगा।

बर्ड वॉचिंग जोन: पक्षी प्रेमियों के लिए विशेष क्षेत्र विकसित किया जाएगा।

ईको-फ्रेंडली हट्स और रिसॉर्ट्स: पर्यावरण के अनुकूल रहने की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

वन्यजीव सूचना केंद्र: क्षेत्र की जैव विविधता और वन्यजीवों की जानकारी प्रदान करने के लिए केंद्र बनाया जाएगा।

फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट: 171 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित होगा।

इस परियोजना का स्वामित्व झारखंड पर्यटन विभाग के पास होगा। परिसंपत्तियों के रखरखाव और प्रबंधन की जिम्मेदारी झारखंड पर्यटन विकास निगम और जिला पर्यटन संवर्धन परिषद कोडरमा को सौंपी जाएगी। उपयोगिता शुल्क, किराया निर्धारण और परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए नियम निगम और परिषद के अध्यक्ष द्वारा बनाए जाएंगे।

यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी और पर्यटन को बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए प्रोत्साहित करेगी। तिलैया डैम के विकास से झारखंड के पर्यटन क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। जैव विविधता की रक्षा भी इस परियोजना का एक प्रमुख उद्देश्य है।

तिलैया डैम के विकास के साथ-साथ झारखंड सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य परियोजनाओं पर काम कर रही है।

गिरिडीह और दुमका में चिड़ियाघर: विश्वस्तरीय चिड़ियाघरों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। झारखंड जू अथॉरिटी ने कंसल्टेंट चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और 8 नवंबर तक प्रस्ताव मांगे गए हैं। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार होने के बाद इन चिड़ियाघरों का निर्माण शुरू होगा।

धार्मिक कॉरिडोर: देवघर, बासुकीनाथ और तारापीठ को धार्मिक कॉरिडोर के रूप में विकसित किया गया है, जिससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।

ग्लास ब्रिज: रांची के दशम फॉल और पतरातू घाटी में राजगीर की तर्ज पर ग्लास ब्रिज बनाए जाएंगे। इनका सर्वे पूरा हो चुका है और डीपीआर तैयार की जा रही है। ब्रिज की चौड़ाई 10 फीट और लंबाई 140 फीट होगी, जो पर्यटकों को प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कराएंगे। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे।

उम्मीद है कि तिलैया डैम के ईको-टूरिज्म विकास से न केवल झारखंड का पर्यटन क्षेत्र मजबूत होगा, बल्कि यह क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा। पर्यावरण संरक्षण, रोजगार सृजन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ यह परियोजना झारखंड को पर्यटन के नक्शे पर एक नया मुकाम दिलाएगी।

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