रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड की राजनीति में चुनावी सरगर्मी के बीच भाजपा की गोगो दीदी योजना को लेकर सत्ताधारी दल झामुमो और विपक्षी भाजपा के बीच सोशल मीडिया पर विवाद तेज हो गया है।
गोगो दीदी योजना के तहत भाजपा ने महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने की घोषणा की है, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इस पर झामुमो ने कड़ा विरोध जताते हुए चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन बताया है और इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर खुलकर चुनौती दी है।
झामुमो का चुनाव आयोग पर हमला: भाजपा के नियम उल्लंघन पर क्यों है खामोशी? झामुमो ने भाजपा पर चुनाव आयोग के नियमों की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग को ‘केचुआ’ कहकर निशाना साधा है। झामुमो के आधिकारिक एक्स अकाउंट से एक पोस्ट में लिखा गया, ‘भाजपा लगातार चुनाव आयोग के नियम तोड़ रही है और आयोग चुप्पी साधे बैठा है। क्या भाजपा को नियम तोड़ने की विशेष छूट मिली है?’
इस पोस्ट में झामुमो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिया कि चुनाव आयोग के नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
सीएम के निर्देश के बाद रांची डीसी की त्वरित कार्रवाई! मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद सबसे पहले रांची के उपायुक्त ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया। उपायुक्त ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हेमंत सरकार की मंईयाँ सम्मान योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की सहायता दी जा रही है और भाजपा की नई योजना गोगो दीदी का इससे टकराव होने की संभावना जताई जा रही है।
भाजपा का पलटवार: ‘चुनाव आयोग की आचार संहिता अभी लागू नहीं हुई’ भाजपा ने झामुमो के आरोपों का जोरदार जवाब दिया है। पार्टी के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, ‘चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद लागू होती है। फिलहाल, भाजपा अपने कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए स्वतंत्र है, जब तक कि किसी संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन न हो।’
भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी ने गोगो दीदी योजना का समर्थन करते हुए कहा कि वे खुद इस योजना का प्रचार-प्रसार करेंगे और महिलाओं के लिए फॉर्म भरवाएंगे।
अमर बाउरी की चेतावनी: ‘अधिकारियों पर न लगे एक पक्षीय होने का ठप्पा’ विपक्ष के नेता अमर बाउरी ने हेमंत सरकार और अधिकारियों को चेताया कि वे किसी राजनीतिक दल के पक्ष में काम न करें, जिससे भविष्य में उन पर एक पक्षीय होने का आरोप न लगे।
बाउरी ने तंज कसते हुए कहा, ‘अगर बांग्लादेशियों को लाभ देना होता, तो हेमंत सोरेन सबसे आगे होते। भाजपा की योजना से उन लोगों को परेशानी है, जिनकी ज़मीन खिसक रही है।’
चुनाव आयोग का स्टैंड: ‘सर्वे और पंजीकरण से दूर रहें राजनीतिक दल’ चुनाव आयोग ने 2 मई 2024 को जारी अपने प्रेसनोट में सभी राजनीतिक दलों को चेतावनी दी थी कि वे किसी भी प्रकार की सर्वे या पंजीकरण प्रक्रिया से दूर रहें, जो चुनाव बाद की योजनाओं से संबंधित हो। आयोग ने इसे रिश्वतखोरी का भ्रष्ट आचरण माना है और जिला अधिकारियों को इस तरह की गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
झारखंड में आगामी चुनाव के माहौल में भाजपा और झामुमो के बीच चल रही इस राजनीतिक जंग ने सोशल मीडिया को एक बड़ा अखाड़ा बना दिया है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में यह विवाद किस ओर रुख करता है और इसका झारखंड की राजनीतिक स्थिरता पर क्या असर पड़ता है।
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