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बिहार को गाली देने वाली शिक्षिका पश्चिम बंगाल की दीपाली पर गिरी गाज

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Teacher Deepali from West Bengal who abused Bihar got punished

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार और यहां के लोगों को अपमानजनक शब्दों से संबोधित करने वाली शिक्षिका दीपाली को केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई केन्द्रीय सिविल सेवाएँ (वर्गीकरण, नियन्त्रण एवं अपील) नियमावली 1965 के तहत की गई है।

केन्द्रीय विद्यालय संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय पटना द्वारा जारी आदेश के अनुसार दीपाली, जोकि केंद्रीय विद्यालय जहानाबाद में प्राथमिक शिक्षिका के रूप में परिवीक्षाधीन थीं, उसे निलंबन के दौरान केंद्रीय विद्यालय मशरक में मुख्यालय आवंटित किया गया है। आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि बिना पूर्व अनुमति के वे मुख्यालय नहीं छोड़ सकती हैं।

दरअसल शिक्षिका दीपाली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसमें वह बिहार और यहां के निवासियों को अपमानजनक भाषा में संबोधित कर रही थीं। यह वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में भारी आक्रोश फैल गया और शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी। बिहार के विभिन्न संगठनों और शिक्षाविदों ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की और शिक्षिका पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की।

वहीं केन्द्रीय विद्यालय संगठन के पटना क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि शिक्षिका दीपाली को नियम 10 उप नियम 1 (क) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। साथ ही आदेश में उल्लेख किया गया है कि निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय केंद्रीय विद्यालय मशरक रहेगा और बिना पूर्व अनुमति वे मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगी।

शिक्षिका के निलंबन के बाद अब यह देखना होगा कि संगठन उनके खिलाफ आगे क्या कदम उठाता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उनके विरुद्ध विभागीय जांच शुरू होने की संभावना है। अगर आरोप सिद्ध होते हैं तो उनकी सेवा समाप्त की जा सकती है।

बहरहाल, यह मामला बिहार में शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों की जिम्मेदारियों पर भी सवाल खड़े करता है। एक शिक्षिका के इस तरह के बयान से न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि को नुकसान पहुंचा है, बल्कि यह पूरे शिक्षा तंत्र के लिए भी एक चिंता का विषय बन गया है। शिक्षा विभाग अब शिक्षकों के सोशल मीडिया आचरण पर भी कड़ी नजर रखने की योजना बना सकता है।

इस मामले पर बिहार के लोगों में भारी रोष देखा जा रहा है। कई संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने केन्द्रीय विद्यालय संगठन के इस कदम का स्वागत किया है और मांग की है कि भविष्य में ऐसे मामलों को सख्ती से लिया जाए ताकि कोई भी शिक्षक या सरकारी कर्मचारी सार्वजनिक रूप से किसी भी राज्य या समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी न करे।

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