पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। अब शैक्षणिक सत्र 2026-27 से बीएड, एमएड और चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीइपी) में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (NSE) का आयोजन किया जाएगा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा इन पाठ्यक्रमों के लिए तीन अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इन परीक्षाओं में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी, और उसी के आधार पर दाखिला प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
यह निर्णय भारतीय शिक्षा प्रणाली में गुणात्मक सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) के तहत एनसीटीई ने इस नई पद्धति को लागू करने का प्रस्ताव किया है। इसकी आधिकारिक घोषणा इसी वर्ष के अंत तक की जाएगी। जिससे छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और समान हो सकेगी।
एनटीए द्वारा इन परीक्षाओं के आयोजन के बाद, संबंधित विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को पंजीकरण करवाना होगा ताकि छात्रों को यह स्पष्ट हो सके कि उन्हें एडमिशन के लिए कौन से विकल्प उपलब्ध हैं। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जो शिक्षक प्रशिक्षण और शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा।
वर्तमान में बीएड, एमएड और आइटीइपी के लिए प्रवेश विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों द्वारा अपनी परीक्षाओं और चयन प्रक्रियाओं के तहत किया जाता है, जो कभी-कभी छात्रों के लिए भ्रमित करने वाला हो सकता है। इस नई प्रणाली से न केवल छात्रों को एक समान अवसर मिलेगा, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में भी एक सशक्त कदम होगा।
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