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असम में बाढ़ से अब तक 108 लोगों की मौत, 30 जिलों में 45 लाख लोग प्रभावित

गुवाहाटी (इंडिया न्यूज रिपोर्टर)। असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है तथा 7 और लोगों की मौत हो जाने से इस आपदा में अब तक कुल 108 लोगों की जान जा चुकी है। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित सिलचर शहर का हवाई सर्वेक्षण किया है।

असम में राज्य आपदा प्रबंधन के बुलेटिन के अनुसार बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या घटी है। बाढ़ से 30 जिलों के 45.34 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि बुधवार को 32 जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या 54.5 लाख थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि केंद्र असम में बाढ़ की स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है तथा इस चुनौती से निपटने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करने की खातिर राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा सेना और एनडीआरएफ के दल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद हैं। वे बचाव अभियान चला रहे हैं और प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं। वायुसेना ने बचाव अभियान के तहत 250 से अधिक उड़ानें भरी हैं।

इस बीच आज, कछार और बारपेटा में दो-दो, बजली, धुबरी और तामुलपुर जिलों में एक एक व्यक्ति की जान चले जाने से, मध्य मई से अबतक 108 लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकांश प्रभावित जिलों में ब्रह्मपुत्र और बराक नदियां तथा उनकी सहायक नदियां उफान पर हैं। हालांकि कुछ जगहों पर बाढ़ का पानी घटा है। अ

अधिकारियों ने बताया कि राज्य में मई के मध्य में आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ कर अब 108 हो गई है।

हवाई सर्वेक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने बराक घाटी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की तथा घोषणा की कि बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना की और टुकड़ियां सिलचर भेजी जाएंगी।

उन्होंने कछार जिले के सिलचर में समीक्षा बैठक के बाद उपायुक्त कार्यालय के बाहर कहा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, अन्य एजेंसियां बचाव अभियान चला रही हैं। लेकिन सेना की और टुकड़ियां फंसे लोगों को निकालने के लिए कल पहुंचेंगी।

उन्होंने यह नहीं बताया कि सेना की कितनी टुकड़ियां इस काम में लगाई जाएंगी। बराक घाटी के तीन जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी गंभीर रूप से बाढ़ की चपेट में हैं। बराक और कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे छह लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि बारपेटा की स्थिति सबसे खराब है, जहां 10,32,561 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। कामरूप में 4,29,166, नगांव में 4,29,166, धुबरी में 3,99,945 लोग प्रभावित हुए हैं।

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