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SC का बड़ा आदेश: झारखंड में अब CTET पास अभ्यर्थी नहीं बनेंगे टीचर

SC's big order: Now CTET passed candidates will not become teachers in Jharkhand
SC's big order: Now CTET passed candidates will not become teachers in Jharkhand

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड में सहायक शिक्षक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया में CTET और TET पास करने वाले पड़ोसी राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए एक नया मोड़ आया है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट का फैसला पलटते हुए अब इन अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि झारखंड के सहायक शिक्षक पदों के लिए भर्ती परीक्षा में अब केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने झारखंड राज्य से TET (Teacher Eligibility Test) या CTET (Central Teacher Eligibility Test) पास किया है। इससे पहले, झारखंड हाईकोर्ट ने 2023 में एक निर्णय सुनाया था। जिसमें यह आदेश दिया था कि झारखंड में सहायक शिक्षक पदों के लिए भर्ती परीक्षा में झारखंड के पड़ोसी राज्यों से TET या CTET पास करने वाले अभ्यर्थी भी शामिल हो सकते हैं।

यह फैसला झारखंड CTET उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर आया था। हाईकोर्ट का यह आदेश कई महीनों तक बहस का विषय बना रहा और आखिरकार इस आदेश को चुनौती देते हुए झारखंड TET पास अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।

सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को स्वीकार करते हुए कहा कि राज्य सरकार का संविधानिक अधिकार है कि वह अपनी भर्ती प्रक्रिया को तय करे और इस संदर्भ में राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने इसे झारखंड राज्य के विशेष अधिकार के तहत एक वैध कदम माना।

इस फैसले के बाद झारखंड में सहायक शिक्षक बनने का सपना देखने वाले पड़ोसी राज्यों के CTET और TET उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को एक बड़ा झटका लगा है, क्योंकि अब उन्हें इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा। वहीं, झारखंड TET पास अभ्यर्थियों ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे राज्य के युवाओं के हित में बताया है।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इस बात की पुष्टि करता है कि राज्य सरकार को अपनी भर्ती प्रक्रिया को नियंत्रित करने का पूरा अधिकार है और इसे किसी अन्य राज्य के नियमों के अनुरूप नहीं किया जा सकता। अब देखना यह है कि इस फैसले के बाद झारखंड सरकार अपनी भर्ती प्रक्रिया में क्या बदलाव करती है।

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