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बिहार गवर्नर के बयान पर सियासी भूचाल: सत्याग्रह बनाम हथियार की छिड़ी बहस

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Political turmoil over Bihar Governor's statement debate on Satyagraha versus weapons begins

बिहार गवर्नर आर्लेकर के इस बयान ने एक बार फिर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के तरीकों और उनकी ऐतिहासिक व्याख्या पर बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर यह बयान एक नया दृष्टिकोण पेश करता है, वहीं दूसरी ओर यह गांधीजी के विचारों और अहिंसा आधारित आंदोलनों पर सवाल उठाता है

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के एक ताजा बयान ने राजनीतिक गलियारों में भूचाल पैदा कर दी है। गोवा में एक पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक दृष्टिकोण पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “ब्रिटिश शासकों ने भारत सत्याग्रह के कारण नहीं छोड़ा, बल्कि भारतीयों के हाथों में हथियार देखकर उन्हें यह समझ आ गया था कि भारतीय किसी भी हद तक जा सकते हैं।”

आर्लेकर ने यह टिप्पणी आनंदिता सिंह की पुस्तक “भारत के उत्तर-पूर्व में स्वतंत्रता संग्राम का संक्षिप्त इतिहास (1498 से 1947)” के विमोचन के दौरान की। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को लेकर इतिहास को सही परिप्रेक्ष्य में समझने और प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। उनके अनुसार ब्रिटिश शासन ने एक ऐसी कहानी गढ़ने की कोशिश की। जिससे भारतीयों को गुलाम मानसिकता में रखने का प्रयास किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस कहानी को समर्थन दिया।

आर्लेकर ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम केवल सत्याग्रह और अहिंसा तक सीमित नहीं था। उन्होंने जोर देकर कहा कि हथियारों का प्रयोग भी स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा। उन्होंने गोवा के उदाहरण को उठाते हुए कहा, “हम अपनी जड़ों की सच्चाई बताने से क्यों डरें? समय आ गया है कि हम अपने इतिहास को बिना किसी भय के सामने रखें।”

गवर्नर आर्लेकर के इस बयान पर सियासी विवाद छिड़ गया है। विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इसे महात्मा गांधी के विचारों और उनके नेतृत्व में चले स्वतंत्रता आंदोलन का अपमान बताया। राजद प्रवक्ता ने कहा, “गांधीजी के सत्याग्रह और अहिंसा आधारित आंदोलन ने न केवल भारत को आजादी दिलाई, बल्कि दुनिया के कई देशों को प्रेरित किया। इस बयान से गांधीजी की विचारधारा पर सीधा हमला हुआ है।”

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