Home खेल-कूद अपने रांची आवास का व्यवसायिक इस्तेमाल कर बुरे फंसे महेंद्र सिंह धोनी

अपने रांची आवास का व्यवसायिक इस्तेमाल कर बुरे फंसे महेंद्र सिंह धोनी

Mahendra Singh Dhoni in trouble for using his Ranchi residence for commercial purposes
Mahendra Singh Dhoni in trouble for using his Ranchi residence for commercial purposes

वेशक यह मामला न केवल एक कानूनी मुद्दा है, बल्कि यह दिखाता है कि किस प्रकार आवासीय संपत्तियों का दुरुपयोग झारखंड में बढ़ रहा है। धोनी जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति का नाम इस विवाद से जुड़ने के कारण यह मामला और भी चर्चा में आ गया है

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक नई विवाद में घिरते नज़र आ रहे हैं। यह विवाद उनके रांची के हरमू स्थित आवास के कथित व्यवसायिक उपयोग को लेकर है। झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दिए हैं। यदि जांच में अनियमितता पाई जाती है तो धोनी को नोटिस जारी किया जा सकता है।

झारखंड आवास बोर्ड ने उठाए सवालः राजधानी रांची के हरमू में स्थित धोनी का यह आवासीय प्लॉट झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने साल 2005 में आवंटित किया था। जानकारी के अनुसार इस संपत्ति पर न्युबर्ग सुप्राटेक नामक एक पैथोलॉजी लैब खोलने की तैयारी चल रही है।

इसे लेकर झारखंड राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय लाल पासवान ने कहा कहा है कि जिन लोगों को आवासीय उपयोग के लिए जमीन आवंटित की गई है। उसका व्यवसायिक उपयोग करना गैर-कानूनी है। यदि धोनी के मामले में ऐसा पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

धोनी का हरमू आवास और विवादः खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए महेंद्र सिंह धोनी को वर्ष 2009 में झारखंड सरकार द्वारा पांच कट्ठा आवासीय भूमि गिफ्ट की गई थी। इस जमीन पर धोनी ने एक आलीशान घर बनाया।  जिसमें वे अपने माता-पिता के साथ कई वर्षों तक रहे। हालांकि अब वे सिमलिया स्थित अपने निजी फार्महाउस में शिफ्ट हो गए हैं।

उसके बाद धोनी का हरमू आवास लंबे समय तक खाली रहा और एक सुरक्षा गार्ड के भरोसे छोड़ा गया। अब इसे एक व्यवसायिक क्लिनिक में बदलने की खबर सामने आने के बाद आवास बोर्ड ने इस पर संज्ञान लिया है। नियमों के अनुसार आवासीय प्लॉट का व्यवसायिक उपयोग करना बोर्ड की शर्तों का उल्लंघन है।

आवास बोर्ड का रुख सख्तः झारखंड राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि न केवल धोनी, बल्कि अन्य कई लाभार्थी भी अपने आवासीय प्लॉट का व्यवसायिक उपयोग कर रहे हैं। बोर्ड ने पहले भी इस प्रकार के मामलों में नोटिस जारी किए हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के कारण इन मामलों में कार्रवाई में देरी हुई। लेकिन अब इसे प्राथमिकता दी जा रही है।

क्या होगा आगे? झारखंड राज्य आवास बोर्ड द्वारा धोनी के हरमू स्थित आवास की जांच जल्द ही शुरू की जाएगी। यदि जांच में नियमों का उल्लंघन पाया गया तो धोनी को नोटिस जारी किया जाएगा और उनसे जवाब तलब किया जाएगा।

फिलहाल, धोनी के मामले ने झारखंड में आवासीय संपत्तियों के व्यवसायिक उपयोग पर एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में बोर्ड और धोनी दोनों की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है।

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