रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। National Highway News: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की लापरवाही से एक दशक पहले नेवरी विकास से हजारीबाग फोर लेन निर्माण के समय भी ओरमांझी ब्लॉक चौक के पास काफी अनियमियता एवं मनमानी बरती गई थी और आज भी ओवर ब्रिज निर्माण के दौरान संवेदकों द्वारा भारी घालमेल किया जा रहा है। इस दौरान लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखने वाला यहां कोई नहीं हैं।
ताजा उदाहरण के तौर पर इस स्थान को देखिए। एक लंबे समय से सड़क किनारे इस तरह के गढ्ढे करके छोड़ दिया गया है। 11000 वोल्ट धारी बिजली के खंबों को इस तरह से छोड़ दिया गया है, जो सड़क की और या विपरित रहवासियों की ओर जानमाल का भारी नुकसान कभी भी पहुंच सकता है।
बीते दिन सड़क निर्माण कार्य से जुड़े बिजली संवेदक के कर्मियों ने बिजली रहित जीर्ण-शीर्ण तारों को नए पोल पर शिफ्ट कर छोड़ दिया गया, वहीं 11000 वोल्ट करंट प्रवाहित बिजली के तारों को शिफ्ट नहीं किया गया। यदि तेज बारिश हुई तो किनारे गहरे गढ्ढे के कारण पोल तार कभी भी गिर सकते हैं।
इस संबंध में बिजली विभाग के एसडीओ का कहना है कि यह कार्य एनएचआई करवा रहा है। सारी जबावदेही उसी की है। वे कुछ नहीं कर सकते। घटना-दुर्घटना सब एनएचआई वाले जानें। उनका या उनके विभाग का कोई लेना-देना नहीं है।
बहरहाल, सवाल उठता है कि जब बिना बिजली तार पोल हटाए कार्य करना संभव नहीं था तो नेशनल हाइवे किनारे इस तरह के खतरनाक गढ्ढे खोदकर क्यों छोड़ दिए गए हैं। नाली के अभाव में सड़क का पानी लोगों के घरों में घुस रहा है। जहां-तहां और जैसे-तैसे सड़क का निर्माण कर लोगों को परेशान होने के लिए क्यों छोड़ दिया गया है। क्या एनएचआई के अधिकारी और स्थानीय प्रशासन को ऐसी समस्याओं की निगरानी करने की कोई जिम्मेवारी नहीं है। ये लोग जान-माल के नुकसान के बाद सिर्फ मुआवजा देने के लिए कार्यरत हैं?
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