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मधुबनी का चर्चित थप्पड़ कांडः जिला कृषि पदाधिकारी को 18 माह बाद मिला न्याय

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Madhubani's famous slapping incident District Agriculture Officer gets justice after 18 months
Madhubani's famous slapping incident District Agriculture Officer gets justice after 18 months

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के मधुबनी जिले में वर्ष 2022 में एक थप्पड़ कांड खूब चर्चित रहा। सदर एसडीओ अश्वनी कुमार ने जिला कृषि पदाधिकारी को थप्पड़ जड़ा था। हालांकि जितने भी लोग कृषि विभाग के कार्यकलाप से दुःखी थे, वे उनका समर्थन कर रहे थे और जिला क़ृषि पदाधिकारी का विरोध। वहीं सरकारी महकमा का एक तबका ऐसा भी था, जो इस कृत का विरोध कर निंदा भी कर रहे थे। सबको लग रहा था की यह थप्पड़ भ्रष्टाचार के मुँह पर था, लेकिन वे यह नहीं समझ रहे थे की जिस हाथ से थप्पड़ मारा गया, क्या वह व्यक्ति सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र थे? बहरहाल अब जो सच्चाई सामने आए हैं और कार्रवाई के लिए जो कुछ लिखा गया है, वह एक पीड़ित अधिकारी के लिए न्याय तो अवश्य ही है।

बिहार राज्यपाल के आदेश से सरकार के अवर सचिव राजीव कुमार द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग की प्रकाशित संकल्प के अनुसार श्री अश्वनी कुमार (बिप्रसे), अनुमंडल पदाधिकारी, मधुबनी सदर के विरूद्ध जिला कृषि पदाधिकारी, मधुबनी एवं अन्य पदाधिकारियों-कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार करने संबंधी आरोप के लिए बिहार कृषि विभाग ने ज्ञापांक 220 दिनांक 02.12.2022 द्वारा विधि सम्मत कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया।

कृषि विभाग से प्राप्त पत्र के आलोक में विभागीय पत्रांक 22000 दिनांक 08.12.2022 द्वारा विकास आयुक्त, बिहार से घटना की जाँच करते हुए प्रतिवेदन समर्पित करने का अनुरोध किया गया। विकास आयुक्त के पत्रांक 86 दिनांक 20.04.2023 द्वारा जाँच इस संबंध में जाँच प्रतिवेदन समर्पित किया गया।

घटित विवाद में अनुमंडल पदाधिकारी, मधुबनी सदर की संलिप्तता के संबंध में विकास आयुक्त द्वारा प्रतिवेदित किया गया कि घटना से जुड़े कतिपय प्रकरण एवं साक्ष्य यथा जिला कृषि पदाधिकारी के चश्मा का टूटना, अनुमंडल पदाधिकारी के बॉडीगार्ड द्वारा सीसीटीवी रिकार्डिंग का डीवीआर अपने साथ ले जाने का आरोप, राजनगर थाना प्रभारी द्वारा तनावपूर्ण स्थिति होने का स्वीकार करना एवं पूर्व में सहायक निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण तथा शिक्षा विभाग के पदाधिकारी द्वारा अभद्र व्यवहार करने संबंधी पत्र, अनुमंडल पदाधिकारी, मधुबनी सदर के घटना क्रम में प्रयुक्त व्यवहार पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।

साथ ही यह भी प्रतिवेदित किया गया कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य एवं घटना क्रम की सूक्ष्म समीक्षा के उपरांत अनुमंडल पदाधिकारी, मधुबनी सदर के उक्त घटना क्रम में अमर्यादित व्यवहार किये जाने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

विकास आयुक्त के प्रतिवेदन के आलोक में विभागीय पत्रांक 9171 दिनांक 16.05.2023 द्वारा श्री कुमार से स्पष्टीकरण की मांग की गयी। श्री कुमार के पत्रांक 535 दिनांक 30.05.2023 द्वारा स्पष्टीकरण समर्पित किया गया, जिसमें इनके द्वारा अपने उपर लगाये गये आरोपों से इंकार किया गया।

श्री कुमार के विरूद्ध प्रतिवेदित आरोप प्राप्त स्पष्टीकरण तथा विकास आयुक्त से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन की सम्यक समीक्षा की गई समीक्षा में पाया गया कि श्री कुमार के विरूद्ध मुख्य आरोप कृषि पदाधिकारी के बीच वाद-विवाद एवं तनाव से संबंधित है।

विकास आयुक्त द्वारा जाँचोपरान्त अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा कार्यों के निष्पादन के क्रम में अमर्यादित व्यवहार किये जाने का उल्लेख किया गया है। अनुमंडल पदाधिकारी को एक वरीय पदाधिकारी होने के नाते अपने पदीय कर्त्तव्यों के सम्पादन में अथवा प्रदत शक्तियों के प्रयोग में अपने उत्तम विवेक से कार्यों को किया जाना कर्तव्य होना चाहिए।

समीक्षोपरान्त श्री कुमार के विरूद्ध प्रतिवेदित आरोप एवं विकास आयुक्त, बिहार से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन के आलोक में श्री कुमार से प्राप्त स्पष्टीकरण को अस्वीकृत करते हुए इनके विरूद्ध बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 ( समय-समय पर यथा संशोधित) के संगत प्रावधानों के तहत् “निन्दन (आरोप वर्ष 2022-23 ) की शास्ति अधिरोपित किये जाने का निर्णय लिया गया।

अनुशासनिक प्राधिकार के निर्णयानुसार श्री अश्वनी कुमार (विप्रसे) अनुमंडल पदाधिकारी, मधुबनी सदर के विरूद्ध बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 ( समय-समय पर यथा संशोधित) के संगत प्रावधानों के तहत् “निन्दन (आरोप वर्ष 2022 – 23 ) ” की शास्ति अधिरोपित एवं संसूचित किया जाता है। साथ ही आदेश दिया जाता है कि इस संकल्प की प्रति बिहार राजपत्र के अगले अंक में प्रकाशित किया जाय तथा इसकी प्रति सभी संबंधितों को भेज दी जाय।

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