Home आस-पड़ोस जानें बिहार के किन जिलों से गुजरेगी नया वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे

जानें बिहार के किन जिलों से गुजरेगी नया वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे

Know which districts of Bihar the new Varanasi-Kolkata Expressway will pass through

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार में वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण इसी साल शुरू होने वाला है। जिस पर 2027 तक आवागमन शुरू होने होने का लक्ष्य रखा गया है। इसके कुल पांच पैकेज में लगभग 5241 करोड़ रुपए की लागत से 136 किमी की सड़कों के निर्माण से जुड़े निविदा फाइनल हो चुके हैं।

साथ ही रक्सौल-हल्दिया हाई स्पीड कॉरिडोर और गोरखपुर-सिलीगुड़ी हाई स्पीड कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया इस साल शुरू होगी। जो केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं।

भारतमाला दो के तहत एनएच-319बी वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे की 170 किमी लंबाई बिहार से गुजरेगी।

इस एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने से दिल्ली से कोलकाता जाना अधिक आसान हो जायेगा। साथ ही केंद्र सरकार की भारतमाला 2ए योजना के तहत दो कॉरिडोर बिहार से होकर गुजरेंगे।

इसमें रक्सौल-हल्दिया हाई स्पीड कॉरिडोर के लगभग 367 किमी और गोरखपुर-सिलीगुड़ी हाई स्पीड कॉरिडोर के लगभग 416 किमी सड़क की निर्माण प्रक्रिया इसी साल शुरू होगी।

बिहार के इन जिलों से गुजरेगी एक्सप्रेसवेः रक्सौल-हल्दिया हाई स्पीड कॉरिडोर बिहार के पूर्वी चंपारण, शिवहर सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेगुसराय, लखीसराय, जमुई और बांका जिलों से गुजरेगा।

वहीं गोरखपुर-सिलीगुड़ी हाई स्पीड कॉरिडोर राज्य के पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज जिलों से होकर गुजरेगी।

भारतमाला 2ए योजना के तहत बनने वाले ये दोनों कॉरिडोर देश की सामरिक जरूरतों के लिए भी व्यापक उपयोगिता रखते हैं। इसके तहत बनने वाले ये दोनों हाई स्पीड कॉरिडोर राज्य में ‘कनेक्टिविटी और कॉमर्स’ को गति देते हुए विकास की ‘स्पीड और स्कोप’ को बढ़ाने वाले साबित होंगे।

एनएच-106 पर सुपौल का पिपरा बाजार और सिंघेश्वर में बनेगा बाइपास: बिहार के मधेपुरा जिले में एनएच-106 पर सुपौल का पिपरा बाजार और सिंघेश्वर में बाइपास बनाया जायेगा। इसका मकसद दोनों जगहों पर भीड़भाड़ के कारण वाहनों के जाम की समस्या का समाधान करना है।

इन दोनों बाइपास का निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने डीपीआर बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए टेंडर से डीपीआर बनाने कंसल्टेंसी सर्विस की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।

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