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झारखंड में सड़क निर्माण को गति देने के लिए मुख्य सचिव का कड़ा निर्देश

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड प्रदेश की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राज्य में चल रही विभिन्न सड़क परियोजनाओं की प्रगति को लेकर सभी उपायुक्तों को सख्त निर्देश जारी किया है। राज्य में चालू और प्रस्तावित सड़क परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा है कि सड़क योजनाओं की लगातार मॉनिटरिंग की जाए और किसी भी तरह की बाधा को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाए। सभी उपायुक्त संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर निर्बाध निर्माण सुनिश्चित करें।

श्रीमती तिवारी ने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार से सड़क निर्माण परियोजनाओं को राज्य में लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। स्वीकृति मिलने के बाद अगर समय पर काम शुरू नहीं होता, तो परियोजनाएं रद्द होने का खतरा मंडराने लगता है। उन्होंने नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) की परियोजनाओं में आ रही अड़चनों को तत्काल हल करने पर बल दिया। ताकि भविष्य में भी केंद्र से नई सड़क योजनाएं प्राप्त की जा सकें।

सड़क निर्माण में जमीन का मुआवजा सबसे बड़ी चुनौती: समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि सड़क निर्माण में सबसे बड़ी बाधा जमीन के मुआवजे का भुगतान है। कई मामलों में जमीन के कागजात उपलब्ध नहीं होने से काम रुका हुआ है।

इस समस्या के समाधान के लिए मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि ऐसी जमीनों को सरकारी मानकर निर्माण कार्य शुरू किया जाए। बाद में अगर कागजात के साथ कोई दावा पेश किया जाता है, तो मुआवजे का भुगतान किया जाए। जहां मुआवजा भुगतान में देरी हो रही है, वहां कैंप लगाकर रैयतों को तुरंत भुगतान करने का आदेश दिया गया। इसके अलावा वन विभाग से जुड़े मसलों को शीघ्र सुलझाने और विधि-व्यवस्था की समस्याओं को प्रशासनिक कुशलता से निपटाने की हिदायत दी गई।

17,188 करोड़ से 503 किमी की 15 सड़कों का निर्माण जारीः झारखंड में नेशनल हाइवे की कुल लंबाई 3,536 किलोमीटर है। एनएचएआइ द्वारा 52,476 करोड़ रुपये की लागत से 1,758 किमी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इसमें से 13,993 करोड़ रुपये की लागत से 718 किमी सड़क का काम पूरा हो चुका है। वर्तमान में 17,188 करोड़ रुपये की लागत से 503 किमी की 15 सड़कों का निर्माण प्रगति पर है।

इसके अलावा 11,643 करोड़ रुपये से 273 किमी की 8 सड़कों के निर्माण को स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि 9,623 करोड़ रुपये की लागत से 263 किमी की 7 सड़कों का निर्माण डीपीआर और टेंडर प्रक्रिया के चरण में है।

झारखंड में नेशनल हाइवे का आंकड़ाः झारखंड में प्रति एक लाख जनसंख्या पर नेशनल हाइवे की लंबाई 8.62 किमी है, जो राष्ट्रीय औसत 11 किमी से कम है। वहीं, प्रति एक हजार वर्ग किमी में नेशनल हाइवे की लंबाई 43.91 किमी है, जो राष्ट्रीय औसत 40.2 किमी से अधिक है। यह आंकड़ा राज्य में सड़क नेटवर्क के विस्तार की संभावनाओं को दर्शाता है।

समीक्षा बैठक में शामिल हुए अधिकारीः मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई इस समीक्षा बैठक में पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार, वन विभाग के सचिव अबु बक्कर सिद्धीख, राजस्व विभाग के सचिव चंद्रशेखर, एनएचएआइ के वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित जिलों के उपायुक्त वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। बैठक में सड़क निर्माण की प्रगति को तेज करने और बाधाओं को दूर करने के लिए ठोस रणनीति पर चर्चा हुई।

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