पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार में योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल में दोगुनी वृद्धि दर्ज की गयी है। इसके कारण उनकी मांगों में कमी आयी है। वर्ष 2015 16 से 2019-20 यानी पांच साल में बिहार में अनमेट नीड को घटाने में सफलता मिली है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 में बिहार की अनमेट नीड 21.2 प्रतिशत थी, जो नीड राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 में घटकर 13।6 प्रतिशत हो गयी। दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतराल रखने की अनमेट नीड में भी कमी आयी है। पिछले सर्वेक्षण में अन 9.4 प्रतिशत थी, जो नये सर्वे में घटकर 6.1 प्रतिशत हो गयी।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, बिहार में कुल प्रजनन दर (प्रजनन काल में एक महिला की औसतन संतान) 3.4 से घटकर तीन हो गयी है। परिवार नियोजन के लगभग सभी सूचकांकों में बिहार के सभी जिलों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
शेखपुरा जिले में अमेट नीड में सर्वाधिक कमी आयी है। दूसरे स्थान पर शिवहर व नालंदा हैं, तीसरे स्थान पर कैमूर है। परिवार नियोजन के साधन, महिला नसबंदी, 18 साल से कम उम्र में विवाह एवं कंडोम इस्तेमाल में भी सुधार दर्ज किया गया है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, राज्य के शेखपुरा जिले में अनमेट नीड में सर्वाधिक कमी आयी है। शेखपुरा जिला में अनमेट नीड 19.8 प्रतिशत थी, जो घटकर 3.2 प्रतिशत हो गयी। इस तरह कुल 16.6 प्रतिशत की कमी आयी है। दूसरे स्थान पर शिवहर एवं नालंदा है, जहां अनमेंट नीड में 15.6 प्रतिशत की कमी आयी है। तीसरे स्थान पर कैमूर जिला है जहां 15.5 प्रतिशत की कमी आयी है।
परिवार नियोजन के किसी साधन के इस्तेमाल में राज्य में दोगुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है। वर्ष 2015- 16 में बिहार में 24.1 प्रतिशत लोग ही परिवार नियोजन के किसी साधन का इस्तेमाल करते थे, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 55.8 प्रतिशत हो गयी। इसमें मुजफ्फरपुर ने सर्वाधिक बढ़ोतरी दर्ज की है।
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