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Bihar Education Department: 22,006 अधिकारियों और प्रधानाध्यापकों पर गिरेगी गाज

Bihar Education Department 22,006 officers and principals will be punished

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार शिक्षा विभाग (Bihar Education Department)  समूचे बिहार राज्य भर में 22,006 शिक्षाधिकारियों एवं सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई होगी। इनमें सभी 38 जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, 520 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं 21,448 प्रधानाध्यापक हैं।

इन सभी शिक्षाधिकारियों एवं प्रधानाध्यापकों पर काररवाई के आदेश बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक बी. कार्तिकेय धनजी द्वारा राज्य के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिये गये हैं।

कार्रवाई की रिपोर्ट 24 जून तक शिक्षा विभाग एवं बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को उपलब्ध कराने के निर्देश भी इस हिदायत के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिये गये हैं कि इसका अनुपालन नहीं होने पर उन पर भी विभागीय काररवाई होगी।

निर्देश के मुताबिक सभी 38 जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (एसएसए) एवं 520 प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के विरुद्ध आरोप पत्र (प्रपत्र ‘क’) गठित किये जायेंगे।

संबंधित 21,448 प्रधानाध्यापकों पर काररवाई हर जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने स्तर से करेंगे। संबंधित 22,006 शिक्षाधिकारियों एवं प्रधानाध्यापकों पर काररवाई इसलिए हुई है कि निर्देश-दर-निर्देश के बावजूद 1ली से 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के स्टूडेंट प्रोफाइल बनाने के लिए ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर 21,448 स्कूलों के डाटा इंट्री कार्य अब तक प्रारंभ ही नहीं हुआ है, जबकि यह कार्य पूरा करने के लिए 15 जून तक की तिथि तय थी।

इस पर नाराजगी जताते हुए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक बी. कार्तिकेय धनजी द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिये गये निर्देश में कहा गया है कि 18 जून तक ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर प्रविष्ट आंकड़ों की समीक्षा से यह स्पष्ट हुआ है कि किसी भी जिले द्वारा निर्धारित तिथि तक शतप्रतिशत स्टूडेंट प्रोफाइल का डाटा इंट्री नहीं किया गया है। राज्य के 21,448 विद्यालयों द्वारा डाटा इंट्री का कार्य प्रारंभ भी नहीं किया गया है।

सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा गया है कि बार-बार दिये गये निर्देश के उपरांत भी कार्य पूर्ण नहीं करना जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं संबंधित विद्यालय प्रधानाध्यापक द्वारा कार्य के प्रति घोर लापरवाही है।

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