Home जरा देखिए बिहार शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा पर बड़ा खुलासा, मिले 3500 फेक टीचर,...

बिहार शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा पर बड़ा खुलासा, मिले 3500 फेक टीचर, FIR दर्ज कर होगी सेलरी रिकवर

Big disclosure on fraud in Bihar education department, 3500 fake teachers found, salary recovery will be done after filing FIR

“जांचोपरांत वेतन रिकवरी फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। निलंबन के साथ ही उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं। विभागीय जांच के बाद इनसे वेतन रिकवरी भी होगी  -मिथिलेश मिश्रा, निदेशक, प्राथमिक शिक्षा, बिहार।

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार में नियोजित शिक्षकों की अबतक हुई सक्षमता परीक्षा के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है। यहां 3500 से अधिक ऐसे नियोजित शिक्षक हैं, जो फर्जी है। ये सभी नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा पास हैं। प्रमाण पत्र जांच के दौरान इनकी नियुक्ति में हुई गड़बड़ी पकड़ में आई है।

तकरीबन 1200 तो ऐसे शिक्षक हैं, जिनके अंगूठे का निशान उनके आधार कार्ड से मैच ही नहीं हो रहे। कई फर्जी सीटीईटी, बीटीईटी, एसटीईटी, दिव्यांग, जाति प्रमाण पत्र के सहारे पिछले 10 वर्ष से नौकरी कर रहे थे। जब सक्षमता परीक्षा का फॉर्म भरा जा रहा था, उस दौरान भी 1200 से अधिक फर्जी शिक्षक पकड़ में आए थे।

अब बिहार शिक्षा विभाग फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। इन शिक्षकों से बीते 10 साल के वेतन की रिकवरी होगी। सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों की काउंसिलिंग के दौरान लगभग 400 से अधिक शिक्षक ऐसे मिले है, जिनके पास निर्धारित योग्यता नहीं है। बीबीए, बी फॉर्मा, सीटीईटी में 60% से कम अंक वाले भी शिक्षक बन गए।

यहां ऐसे शिक्षक भी मिले हैं, जिनकी नियुक्ति 1 से 5वीं क्लास के टीचर के रूप में हुई, जबकि 6वीं से 8वीं की सक्षमता परीक्षा पास की। कईयों की बहाली राज्य की आरक्षित कोटि में हो गई है।

नियमानुसार नियुक्ति में आरक्षण का लाभ बिहार के निवासियों को ही मिलना है। दूसरे राज्य के आरक्षित वर्ग की किसी भी श्रेणी के अभ्यर्थियों की गणना सामान्य वर्ग में होनी है। यानी इन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना था।

शिक्षकों की नियुक्तियों में फर्जीवाड़े के मू मधुबनी के फुलपरास में मो. नौशाद आलम के पास बीबीए की डिग्री है। वे कक्षा 6-8 तक सामाजिक विज्ञान पढ़ा रहे थे। लदनियां के पथराही में स्थित माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत संजय कुमार यादव के पास बी फॉर्मा की डिग्री है।

कलुआही में 6वीं से 8वीं तक सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण रेखा की नियुक्ति 1 से 5वीं को पढ़ाने के लिए हुई थी। पंडौल स्थित कन्या माध्यमिक विद्यालय में सुनीता कुमारी फिजिकल टीचर हैं पर उनके पास कोई प्रमाण पत्र ही नहीं है।

पूर्णिया के कार्यरत ज्योति राजपूत, शालू देव, शशि प्रभा यादव, चंदा कुमारी, सरस्वती गुप्ता, शुभम सिंह को सीटीईटी में 60% से कम अंक हैं। भागलपुर में भी कम अंक पाने वाले 14 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। घोषित किए गए हैं।

नालंदा में सीटीईटी में 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले शिक्षक अयोग्य 45 शिक्षकों की नौकरी रद्द हो गई है। ये शिक्षक टीईटी, सीटीईटी, एसटीईटी अनुत्तीर्ण होने के बाद भी शिक्षक बन गए थे। मुजफ्फरपुर में भी 5 शिक्षकों को अयोग्य घोषित किया गया है।

प्रमाण पत्र एक, पिता का नाम एक मां का नाम अलगः नालंदा के एमएस घोड़ा कटोरा गिरियक में पल्लवी कार्यरत है। इसी नाम की अभ्यर्थी बांका में भी कार्यरत है। दोनों के पिता का नाम राम पदारथ सिंह है। नालंदा में माता का नाम विमला देवी है तो बांका में अभ्यर्थी की माता का नाम शैली देवी है।

स्मृति स्नेहा नाम की शिक्षिका नालंदा और पटना, दोनों जगह हैं। दोनों के पिता का नाम लक्ष्मण पासवान है। स्पेलिंग में अंतर है। नालंदा में माता सकुना देवी तो पटना में दुलारी देवी है। एक 2011 में पटना से तो दूसरी 2012 में नालंदा से पास है।

प्राची नालंदा और जहानाबाद में कार्यरत है। परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन में पकड़ाया कि दोनों के पिता अरुण कुमार हैं। नालंदा में कार्यरत प्राची की माता का नाम विभा तो जहानाबाद में कार्यरत प्राची की मां का नाम सुनीता कुमारी है।

पिंकी कुमारी ने नालंदा व नवादा में परीक्षा को लेकर ऑनलाइन आवेदन किया है। दोनों का पास आउट वर्ष अलग-अलग है। जबकि पिता एक मनोज प्रसाद है और माता नालंदा में कलावती देवी तो नवादा में उषा देवी है।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

error: Content is protected !!
Exit mobile version