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पति को मुर्दा साबित कर बीमा कंपनी को 15 लाख का चूना लगाने वाली शातिर महिला गिरफ्तार

बिहारशरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के नालंदा जिले की लहेरी थाना की पुलिस ने अपने पति को मुर्दा साबित कर भारतीय जीवन बीमा निगम से 15 लाख रुपए लेने वाली जलसाज महिला को लहेरी थाना पुलिस ने गया जिला से गिरफ्तार कर लिया।

पकड़ी गई महिला सोहसराय के आशानगर निवासी सुनील कुमार की पत्नी सैबी देवी हैं। इस कांड का एक आरोपी एलआईसी अभिकर्ता नालंदा थाना के कुल गांव निवासी अनिल कुमार पूर्व में गिरफ्तार हो चुका है।

महिला ने फर्जीवाड़ा कर अपने पति का फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाकर बीमा की राशि अपने खाते में जमा कराई थी। इसकी भनक जब एलआईसी के अधिकारियों को लगी तो वह बैंक की मदद से रुपए वापस ले लिया गया। 4 अप्रैल 2021 को एलआईसी के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुरेश कुमार सैनी ने घटना की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

शाखा प्रबंधक ने बताया कि आशा नगर निवासी सुनील कुमार ने वन टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी लिया था। जिसकी कुल बीमा धनराशि 15 लाख थी। पॉलिसी 18 दिसंबर, 2016 को प्रारंभ हुई। उसकी पूर्णावधि 28 दिसबंर, 2031 थी। उस पॉलिसी की नामांकित बीमा धारक की पत्नी सैबी देवी थीं।

वर्ष 2020 में नामांकित महिला ने पति को मृत बता बीमा का दावा किया। वह मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ अन्य दस्तावेजों की सत्यापित प्रति कार्यालय में जमा की। 27 नवंबर 2020 को एलआईसी द्वारा बीमा की 15 लाख की राशि महिला द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाते में जमा करा दी गई।

ऐसे हुआ फर्जीबाड़े का खुलासाः खाता में रुपया जमा होने के कुछ दिन बाद एक अन्य अभिकर्ता ने मृतक सुनील कुमार के बीमा राशि का दावा किया। उन्हें बताया गया कि नामांकित द्वारा उपलब्ध कराए बैंक खाता में बीमा राशि जमा करा दी गई है।

तब अभिकर्ता ने बताया कि दूसरे के खाता में बीमा की राशि जमा करा दी गई। तब एलआईसी ने जांच के बाद बैंक के सहयोग से सैबी देवी के खाते से जमा राशि वापस ले लिया।

लहेरी थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर दीपक कुमार के अनुसार सुनील कुमार नामक एक बीमाधारक की मृत्यु हुई थी। आरोपी सैबी देवी के पति का नाम भी सुनील कुमार था। इस कारण उसने अभिकर्ता अनिल के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा की।

उन्होंने बताया कि मृतक सुनील कुमार के प्रमाण-पत्र का इस्तेमाल कर वह बीमा की राशि अपने खाता में जमा करा ली। मामले का खुलासा होने पर केस दर्ज होने के बाद महिला फरार हो गई थी। गुप्त सूचना पर करीब ढाई साल बाद उसकी गिरफ्तारी हुई। आरोपी अभिकर्ता पूर्व में ही पकड़ा जा चुका है।

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