पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के करीबी और जनता दल (यूनाइटेड) नेता एवं केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह ने एक बड़ा विवादित बयान देकर राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है।
मुजफ्फरपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने कहा कि “मुसलमान जदयू को वोट नहीं देते हैं। इसके बावजूद हम उनके लिए काम करते हैं। नीतीश कुमार जानते हैं कि कौन हमें वोट देता है और कौन नहीं, लेकिन फिर भी वे बिहार के विकास और सभी समुदायों के कल्याण के बारे में सोचते हैं।”
ललन सिंह के इस बयान ने विपक्ष को सख्त आलोचना का मौका दे दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे सांप्रदायिक तनाव को भड़काने वाला बयान बताया है। राजद प्रवक्ता ने कहा, “यह बयान जदयू की असल सोच को उजागर करता है और उनकी कथनी और करनी में अंतर को दर्शाता है।”
सोशल मीडिया पर भी ललन सिंह का यह बयान तीखी आलोचना का शिकार हो रहा है। ट्विटर और फेसबुक पर लोग उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं। साथ ही कई मुस्लिम संगठनों ने इस बयान की निंदा की है।
वहीं, जदयू के अंदर भी इस बयान को लेकर चर्चा तेज है। पार्टी के कुछ नेताओं ने इसे व्यक्तिगत राय बताकर बचाव करने की कोशिश की है, लेकिन ललन सिंह का बयान नीतीश कुमार के नेतृत्व के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता है।
नीतीश कुमार, जो हमेशा अपने ‘सर्वधर्म समभाव’ की राजनीति के लिए जाने जाते हैं, इस बयान के बाद सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि वे जल्द ही स्थिति को संभालने की कोशिश करेंगे।
बिहार की राजनीति में इस विवाद ने नई बहस को जन्म दे दिया है कि क्या विकास की राजनीति के नाम पर जदयू द्वारा भी अब सांप्रदायिक विभाजन की राजनीति की जा रही है?
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