एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। बिहार की राजधानी पटना से एक हृदय विदारक तस्वीर सामने आई है। इस कोरोना महामारी संक्रमण काल में एक 10 साल के बच्चे का हौसला देख आँखें नम कर देने वाली है, वहीं विकास और सुविधाओं के ढपोर शंख फूंकने वाली सुशासन की सरकार के मुंह पर कड़ा तमाचा मारती है।
खबर है कि 10 साल के इस बच्चे ने अपने पिता के टूट हुए पैर के ऑपरेशन के लिए भीख मांगकर पैसे जुटाए और फिर ठेले पर अपने पिता को लेकर अस्पताल पहुँच गया।
हड़ताली मोड़ के पास की झोपड़पट्टी का रहने वाला ठेला चालक दिनेश कुमार के दोनों बेटों और एक बेटी ने मिलकर अपने पिता की जान बचाने की कोशिश की। दिनेश एक ठेला चालक हैं।
दरअसल, 10 दिन पहले अनीसाबाद में नगर निगम की कचरा उठाने वाली गाड़ी ने उसे धक्का मार दिया था। जब उसे होश आया तब वह अस्पताल में पड़ा था। डॉक्टरों ने पैर में कच्चा प्लास्टर कर छोड़ दिया है।
चिकित्सक का कहना है कि पैर में रड लगेगा और उसमें करीब 70 हजार रुपए का खर्च आएगा। पैसे के अभाव में दिनेश का इलाज नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उनके बच्चों के पास जब कोई रास्ता नहीं बचा तो वे पिता के इलाज के लिए भीख मांगने लगे।
बकौल दिनेश, धक्का लगने के बाद वह बेहोश हो गया। जब होश आया, तब घर वालों को जानकारी हुई। बड़ा बेटा ठेला पर लादकर निगम के दफ्तर भी ले गया। निगम के अधिकारियों ने मेरी स्थिति देखी और कहा कि जिस गाड़ी ने धक्का मारा है उसका नंबर दो। बच्चे भी छोटे-छोटे हैं।
सोर्सः सिटी पोस्ट लाइव