“साथ ही हेमंत सरकार ने सभी उपायुक्तों को राज्य के विभिन्न जिलों में लॉकडाउन के कारण फंसे लोगों के आवागमन के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है…
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को मेडिकल ट्रैक के प्रोटोकॉल के आधार पर आवागमन की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के जंग में निर्णायक लड़ाई में शामिल सभी को सरकार बाद में कुछ न कुछ तोहफा जरूर देगी।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकारें आपस में समन्वय कर रही हैं कि उनके राज्य के वैसे लोग जो झारखंड में फंसे हैं, झारखंड से जाने वाली बसें उन्हें लेकर जाएंगी और वहां से झारखंड के वैसे लोगों को वापस लाने का कार्य करेंगी जो उस राज्य में फंसे हैं।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि कोटा, इंदौर, पुणे, हैदराबाद या दक्षिण भारत में फंसे छात्रों के अभिभावक अपने संबंधित जिले के उपायुक्त से इंटर-स्टेट परिवहन के लिए जल्द पास प्राप्त करके अपने संसाधन से छात्रों को लाने जा सकते हैं।
उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस दिशा में जल्द पहल करेगी। ट्रेनों के विषय में केंद्र से निर्णय आने तक पड़ोसी राज्यों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए बसें चलती रहेंगी।
बाहर फंसे मजदूरों की घर वापसी की कार्रवाई तेज होने के बाद सीएम हेमंत ने कहा कि दूसरे राज्य में फंसे लोगों को झारखंड पहुंचने के बाद उनकी सबसे पहले स्क्रीनिंग की जाएगी।
उसके बाद जरूरत पड़ी तो उन्हें होम कॉरन्टाइन किया जाएगा या सरकार के कॉरन्टाइन सेंटर में रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि घर लौटने वालों के मेडिकल प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना होगा। कोरंटाइन पूरा करने के बाद ही छात्र या मजदूर अपने घर जा सकेंगे और परिवार के साथ रह सकेंगे।