पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार राज्य के विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, प्रशासनिक और अकादमिक गतिविधियों पर शिक्षा विभाग की अब सीधी नजर रहेगी। अब राज्य के विश्वविद्यालय समर्थ पोर्टल का उपयोग करेंगे। इसमें विश्वविद्यालयों से जुड़ी तमाम सूचनाओं अपडेट रहेंगी।
यह कवायद विश्वविद्यालयों की गतिविधियों में पारदर्शिता और विद्यार्थियों के हित में की जा रही है। नये सत्र से इस पोर्टल का प्रभावी इस्तेमाल शुरू हो जायेगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से एमओयू किया है। इस तरह के एमओयू अप्रैल मध्य में दूसरे राज्यों ने भी किये हैं।
इस जानकारी के अनुसार पोर्टल के जरिये परीक्षाओं के आंकड़े भी सुरक्षित रख सकते हैं। अभी बिहार के विश्वविद्यालय इस काम के लिए अलग-अलग एजेंसी रखते हैं। कई विश्वविद्यालयों की परीक्षा का आंकड़ा सुरक्षित रखने वाली एजेंसियां भाग खड़ी होती हैं। इससे विद्यार्थियों को रिजल्ट देने में काफी देरी होती है।
एमओयू पर शिक्षा विभाग की तरफ से शिक्षा सचिव और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की तरफ से समर्थ पोर्टल के लिए तय नोडल एजेंसी दिल्ली विश्वविद्यालय ने हस्ताक्षर किये हैं। विभाग इस पोर्टल के इस्तेमाल को लेकर जल्दी ही विश्वविद्यालयों को जरूरी गाइडलाइन जारी करेगा। इस पोर्टल का इस्तेमाल अभी केंद्रीय विश्वविद्यालय कर रहे हैं।
इसी तरह प्रोफेसर और शिक्षकेतर कर्मचारियों की भी जानकारी रहेगी। खास बात यह है कि इस पोर्टल पर अपलोड और अपडेट जानकारियां एजुकेशन डिपार्टमेंट ऑफ इंडिया के पास भी रहेंगी।
हालांकि, वह इस जानकारी को सिर्फ देख सकेगा। पोर्टल के संचालन और उसकी जानकारी को एडिट करने का तकनीकी आधार संबंधित विश्वविद्यालय और राज्य के शिक्षा विभाग को होगा।
स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड पोर्टल में हो जायेगा अपलोडः समर्थ पोर्टल के जरिये न केवल एडमिशन प्रक्रिया होगी, बल्कि इस पर विश्वविद्यालय के सारे कार्यक्रम और वित्तीय प्रबंधन की भी अपडेट जानकारी रहेगी।
इसमें विश्वविद्यालय के प्रत्येक स्टूडेंट की समूची ‘लाइफ साइकल’ भी रहेगी। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के साथ स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड पोर्टल में अपलोड हो जाएगा। स्टूडेंट को एक साथ दस से अधिक कॉलेज चुनने का मौका मिलेगा। वे पोर्टल में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद अपनी पसंद के हिसाब से कोर्स का चुनाव कर सकेंगे।
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