पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार में सर्व शिक्षा अभियान के तहत फर्जी प्रमाणपत्रों पर बहाल शिक्षकों को इस्तीफा देने और ऐसे शिक्षकों पर किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं करने के निर्देश के बाद करीब तीन हजार शिक्षकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, वहीं अन्य के प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया जा रहा है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए महाधिवक्ता पीके शाही ने पटना हाईकोर्ट को बताया कि अब तक निगरानी ब्यूरो ने लगभग छह लाख प्रमाणपत्रों का सत्यापन कर लिया है। इनमें से करीब 2019 प्रमाणपत्र जाली पाये गये हैं। पिछले नौ वर्षों में 2561 के खिलाफ लगभग 1317 एफआइआर (प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि 1252 शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त किया गया है। कुछ शिक्षकों ने हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर की है। जिसके आधार पर वे पद पर बने हुए हैं।
वहीं निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की ओर से वरीय अधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि नियोजित शिक्षकों के 3,52,927 फोल्डर मिलना था, लेकिन निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को केवल 2,80,759 फोल्डर्स प्राप्त हुए। इनमें सितंबर 2023 तक 8,30,237 प्रमाणपत्र थे।
उन्होंने बताया कि प्रमाणपत्रों का सत्यापन करने के लिए संबंधित बोर्डों व विश्वविद्यालयों को भेजा गया, जिनमें 5,90,945 प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया गया। इस प्रकार करीब 71 प्रतिशत प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया जा चुका है। इनमें 2157 प्रमाणपत्र जाली पाये गये हैं और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने पटना हाईकोर्ट को बताया कि नियोजित शिक्षकों के 5,57,959 प्रमाणपत्रों में से 4,33,854 का सत्यापन कर लिया गया है और 1, 24, 105 प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए लंबित हैं।
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