पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार सर्वशिक्षा अभियान के तहत बहाल शिक्षकों की सर्टिफिकेट जांच को लेकर दायर याचिका को पटना हाइकोर्ट ने निष्पादित करते हुए फर्जी डिग्री की जांच करते रहने और जालसाजी व धोखाधड़ी का पता चलने पर उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन व न्यायमूर्ति हरीश कुमार की खंडपीठ ने रंजीत पंडित की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई के बाद इस याचिका को निष्पादित कर दिया है।
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 2006 से 2015 के बीच केंद्र के पैसे से राज्य सरकार ने पंचायतो में नियमित शिक्षकों की नियुक्तियां कीं कई शिक्षक जाली शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण प्रमाण पत्र देकर बहाल हो गये। यही नहीं शिक्षक के पद पर नियुक्ति किये जाने में बड़े पैमाने पर भाई-भतीजावाद भी हुआ।
इधर लगभग 06 लाख प्रमाणपत्रों का निगरानी ब्यूरो ने सत्यापन कर लिया है। इनमें से करीब 2019 प्रमाणपत्र जाली पाये गये हैं, पिछले 09 वर्षों में 2561 के खिलाफ लगभग 1317 एफआइआर दर्ज की गयी है।
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