“राज्य का सबसे बड़ा पंचायत विधानसभा होता है। यहां सिर्फ आमजन ही नहीं, बल्कि इस राज्य के जल, जंगल और जमीन के लिए भी महापंचायत लगती है। जिसमें विधायकों की अहम भूमिका होती है। हजारों लाखों लोग आशा और उम्मीद के साथ अपना जनप्रतिनिधि भेजते हैं। इसकी जड़ों को और मजबूत करते हुए बाबा भीमराव अंबेडकर के संविधान, जिसको लेकर हम यहां तक आए हैं, उसको और आगे लेकर जाना है…
हमसभी को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना हैः मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के 75वें वर्ष और झारखण्ड अलग राज्य के 23वें वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। ऐसे में अगर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय के लोकतंत्र को देखें तो इसमें बहुत बदलाव हुए हैं। इस क्रम में हमने क्या खोया, क्या पाया। यह भी देखना होगा।
इनको मिला सम्मानः विधानसभा के उत्कृष्ट कर्मियों, देश की सीमा पर एवं नक्सल अभियान में शहीद हुए तथा शांतिकाल में वीरता पदक प्राप्त झारखण्ड राज्य के बहादुर पुलिस कर्मियों एवं सैनिकों, झारखण्ड राज्य के खिलाड़ियों, झारखण्ड राज्य के 10वीं एवं 12वीं एवं अन्य शैक्षणिक संस्थान के टॉपर छात्र/छात्राओं, सामाजिक क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान देने वाले राष्ट्रपति पदक से सम्मानित व्यक्तियों एवं मिशन चन्द्रयान-3 में सम्मिलित झारखण्ड राज्य के वैज्ञानिकों को राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री ने शॉल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर त्रैमासिक पत्रिका उड़ान एवं अन्य पुस्तक का विमोचन भी हुआ।
इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री बादल पत्रलेख, राज्य सभा सांसद महुआ माजी, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी सहित सभी विधायकगण, पूर्व विधायकगण सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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