पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। आम लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद चुनावी रंग चढ़ने लगा है। चुनाव के दौरान नए किस्से बनते हैं तो नए रिकॉर्ड भी। बिहार में भी कुछ ऐसा ही होता दिख रहा है।
दरअसल, अशोक महतो पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनको सजा भी हो चुकी है। वह 17 साल से जेल में थे। 10 दिसंबर 2023 को जेल से रिहा हुए थे। सजा की वजह से वे खुद चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। इसलिए आनन-फानन में 2 दिन के अंदर उन्होंने शादी की है, ताकि उनकी पत्नी चुनाव लड़ सके।
शादी में मौजूद थे कुल 50 लोगः अशोक महतो ने मंगलवार को पटना स्थित करौटा मंदिर में शादी रचाई शादी समारोह में कुल 50 लोग मौजूद बताई जा रहे हैं। शादी के फोटो और वीडियो भी सामने आए हैं।
अशोक महतो की पत्नी अनीता दिल्ली के आरके पुरम की रहने वाली हैं। अनीता लखीसराय के सूर्यगढा प्रखंड के अंदर आनेवाले बंशीपुर हेमजापुर इलाके की रहने वाले हरि मेहता की बेटी है। वह पूरे परिवार के साथ दिल्ली में रहती हैं।
कौन हैं अशोक महतोः अशोक महतो के नाम कई नरसंहार दर्ज हैं। नवादा में 1990 के दशक में एक बाहुबली नाम से मशहूर अशोक महतो 17 साल बाद जेल से बाहर निकले हैं। 10 दिसंबर 2023 को वो जेल से छूटे थे।
अशोक महतो ने आपराधिक गिरोह का नेतृत्व किया था और इसमें पिंटू महतो भी शामिल था। बिहार के नवादा, नालंदा, और शेखपुरा जिलों के 100 से अधिक गांवों को अपने डर से प्रभावित किया था। नवादा जेल ब्रेक कांड सहित कई संगीन मामलों में इनकी संलिप्तता थी।
‘खाकी’ वेब सीरीज में दिखाई गई महतो की कहानीः आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा और बाहुबली अशोक महतो के बीच टकराव की कहानी ‘खाकी’ वेब सीरीज में दिखाई गई थी और माना यह जाता है कि अशोक महतो को उसे दौर में भी राजनीतिक संरक्षण हासिल था और अब वो अपने सियासी संपर्क का फायदा उठाकर अशोक महतो राजनीतिक एंट्री को तैयार है।
अशोक महतो की नवेली को राजद देगी टिकटः कहा जाता है कि हाल ही में अशोक महतो ने बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह इलेक्शन में उतरने का मन बना रहा है।
राजद ने उसे चुनाव लड़ने के लिए टिकट भी दिया है, लेकिन उसे डर है कि क्रिमिनल बैकग्राउंड के कारण उसका नॉमिनेशन रद्द हो न जाए। यही कारण है कि उसे जल्दी में शादी करनी पड़ी।
ललन सिंह से होगा मुकाबलाः हालांकि, जो कोई भी कभी खूंखार महतो की पत्नी बनी है, उसे 13 मई को होने वाले मतदान में मुंगेर लोकसभा सीट से जदयू के दिग्गज राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह से मुकाबला करना होगा।
यही कारण है कि अशोक महतो ने दो दिनों के अंदर शादी कर ली। अशोक महतो के नाम कई नरसंहार दर्ज है। एक समय था जब बिहार के 100 से ज्यादा गांवों के लोग उससे डर के रहने को मजबूर थे।
खुद चुनाव नहीं लड़ सकता है अशोक महतोः वह खुद चुनाव नहीं लड़ सकता है, क्योंकि उसे 2001 के नवादा जेलब्रेक मामले में 17 साल जेल में रहने के बाद पिछले साल रिहा कर दिया गया था।
नियम है कि दो साल से ज्यादा समय से जेल में बंद दोषियों को उनकी रिहाई के छह साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ने दिया जाता है।
राजद का टिकट न देने का दावाः अशोक महतो मुंगेर में रोड शो लगातार रोड शो कर रहा है और लोगों को बता रहा है कि राजद ने उसे टिकट देने का वादा किया है। हालांकि, पार्टी इस दावे से इनकार कर ही है। राजद का कहना है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है।
राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन के अनुसार, वे नहीं जानते कि अशोक महतो को इस तरह के अभियान शुरू करने के लिए किसने कहा है। सीट-बंटवारे के समझौते को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
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