पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के गोपालगंज पुलिस की एक झूठी रिपोर्ट ने पिछले चार साल से अधिक समय से दुबई में फंसे एक युवक की वतन वापसी की राह रोक रखी है। इस मामले को लेकर अब गोपालगंज कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है।
दरअसल, गोपालगंज जिला के भोरे थाना की पुलिस ने विदेश गए युवक के पासपोर्ट रिन्युअल के आवेदन के आलोक में सत्यापन के दौरान लिख दिया कि वह चार्जशीटेड है। इस वजह से कावे जगतौली गांव के युवक मनोज साह के पासपोर्ट का रिन्युअल नहीं हो पाया। नतीजतन वह दुबई में फंसा हुआ है।
सीजेएम मानवेंद्र मिश्र ने इस मामले में कड़ा रूख अपनाते हुए गोपालगंज के एसपी को निर्देश दिया है कि वे अपने स्तर से डीएसपी के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच कराएं और जिस किसी भी पुलिस पदाधिकारी की यह लापरवाही हो, उसके विरुद्ध कर कोर्ट को अवगत कराएं।
साथ ही एसपी को यह भी कहा गया है कि मनोज शाह के परिजनों से संपर्क स्थापित कर उसके पासपोर्ट का रिन्युअल कराकर उसकी स्वदेश वापसी को सुनिश्चित किए जाने की पहल करें। इसके लिए कोर्ट ने एसपी को तीन हफ्ते का समय दिया है। 8 अप्रैल को इस मामले की फिर सुनवाई होगी।
मामला सीजेएम मानवेंद्र मिश्र के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने भोरे के थानाध्यक्ष से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट तलब किया और सदेह हाजिर होकर अपना पक्ष रखने को कहा था कि चार वर्षों से ज्यादा समय बीतने के बाद भी चार्जशीट कोर्ट को समर्पित क्यों नहीं की गई।
पुलिस ने सब जगह ढूंढा चार्जशीट की कॉपी, नहीं मिलीः भोरे थाना की ओर से 5 मार्च को रिपोर्ट सबमिट की गई। उसमें पुलिस ने माना कि चार्जशीट की कार्बन कॉपी थाना और इंस्पेक्टर कार्यालय से लेकर हथुआ डीएसपी के कार्यालय तक में नहीं मिली।
चार्जशीट (संख्या- 191/2019) की कार्बन कॉपी की खोजबीन की गई, पर कहीं नहीं मिली। जबकि एसआई लकेश कुमार पण्डा ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि केस के मूल रेकर्ड की खोज कर रहे हैं।
अब वह बीमारियों की चपेट में भी आ गया है। उसे पथरी की शिकायत हो गई है, जिससे गोपालगंज में उसका पूरा परिवार सशंकित है। पत्नी व दो बच्चे मनोज साह की वापसी की राह देखते-देखते थक चुके हैं।
पुलिस की झूठी रिपोर्ट की वजह से दर-दर भटक रहा भाईः चार्जशीट दाखिल कर देने के झूठ ने सिर्फ मनोज साह ही नहीं, बल्कि उसके भाई अशोक साह को भी रोजगार के लिए चार वर्षों से अधिक समय से दर-दर भटकने को मजबूर किया है।
अशोक को भी मारपीट के उक्त मामले में पुलिस अफसर ने चार्जशीटेड होने की रिपोर्ट दे दी थी, जिसके बाद वह पासपोर्ट नहीं बन पाने की वजह से विदेश नहीं जा सका।
बता दें कि भोरे थाने में 24 मार्च 2018 को दोनों भाइयों समेत छह आरोपियों पर एक महिला के द्वारा मारपीट की एफआईआर दर्ज कराई गई थी। उसी मामले में दोनों भाईयों को पुलिस ने गलत तरीके से चार्जशीटेड होने की रिपोर्ट दे दी, जिसकी वजह से उनके पासपोर्ट में अड़ंगा लग गया।
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