एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी न्यायधीश मानवेन्द्र मिश्रा ने मंगलवार को तीन साल पहले दर्ज एक नाबालिग लड़की के अपहरण मामले में एसपी हरि प्रसाद एस को 10 फरवरी तक एक कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
नाबालिग 5 जुलाई 2018 को लापता हो गई थी। परवलपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक गाँव के उसके पिता विजय प्रसाद ने अगले दिन एक नाम दर्ज कराया था, जिसमें विपिन कुमार और उसके दो साथियों पर अपनी बेटी का अपहरण करने का आरोप लगाया था।
तीनों को गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ 6 अक्टूबर, 2018 को आईपीसी की धारा 366 (ए) के तहत चार्जशीट पेश की गई। लेकिन लड़की का पता नहीं चल सका।
अदालत में शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि 19 जुलाई, 2018 को बिहारशरीफ बाजार समिति परिसर में एक बोरे में पाया गया सिर रहित शव उसकी बेटी के हाथ और जले हुए काले धागे के आधार पर था। उसकी कलाई पर बंधा हुआ। लेकिन पुलिस ने तब यह कहकर शव सौंपने से इनकार कर दिया कि केवल डीएनए परीक्षण ही इसकी पुष्टि कर सकता है।
अदालत ने यह भी जानना चाहा कि फोरेंसिक प्रयोगशाला में डीएनए परीक्षण के बारे में पुलिस ने क्या कार्रवाई की या शिकायतकर्ता के अलावा किसी ने भी शरीर पर दावा किया या किसी अप्राकृतिक मौत का मामला पुलिस ने दर्ज किया।
न्यायाधीश मिश्रा ने कहा कि पीड़ित शिकायतकर्ता जानना चाहते थे कि उनकी बेटी जीवित थी या मृत।
बता दें कि न्यायधीश मिश्रा ने पिछले सप्ताह रिकॉर्ड नौ दिनों में एक बलात्कार मामले में मुकदमे को पूरा किया था और आईपीसी की धारा 376 के तहत 18 साल के लड़के को 3 साल की सजा और पॉस्को अधिनियम की धारा 4 और 6 के तहत 3 साल की सजा सुनाई थी।