“इस मामले में अश्वनी कुमार के साथ छापेमारी में गए 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। बिहार पुलिस ने इसे गद्दारी मानी है। सातों पुलिसकर्मियों पर निलंबन के अलावा भी कार्रवाई करने की बात कही गई है। बकौल, किशनगंज एसपी कुमार आशीष, विभागीय मामला चलाकर उन्हें कठोरतम सजा दी जाएगी…”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। किशनगंज टाउन थाना के प्रभारी अश्विनी कुमार की मां भी इस दुनिया में नहीं रहीं। बेटे की मौत की खबर सुनते ही उनकी भी सांसें थम गई।
हर्ट पेशेंट होने की वजह से शनिवार को मॉब लिंचिंग में बेटे की शहादत के बारे में मां को परिवार के लोगों ने जानकारी नहीं दी थी। लेकिन रविवार की अहले सुबह बेटे के बारे में उन्हें खबर मिल गई और यह सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर सकीं।
अब मां और बेटे की चिता एक साथ सजेगी। दोनों की पुर्णिया स्थित उनके घर से एक साथ अर्थी उठेगी। यह जान हर किसी की आंखें नम हो गई है।
वहीं, अश्विनी कुमार हत्याकांड मामले को लेकर ग्रामीणों एवं परिजनों ने पैतृक गांव में बैठक की है। इसमें उन्होंने सरकार से हाईकोर्ट की निगरानी में हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग की है।
परिजनों का कहना है कि शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए और उनके बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार को उठाना चाहिए। परिजनों ने बताया कि मांगें पूरी होने के बाद ही शहीद अश्विनी कुमार का दाह संस्कार किया जाएगा।
बता दें कि बिहार के किशनगंज के समीपवर्ती पश्चिम बंगाल के पनतापाड़ा गांव में शनिवार की अहले सुबह ग्रामीणों ने किशनगंज के थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।