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फिर विवादों में घिरा मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय

मोतिहारी (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। बिहार के मोतिहारी जिले में स्थापित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय लगातार बदनामियों के कारण सुर्खियों में बना रहता है। ताजा मामला पीएचडी के नामांकन में धांधली को लेकर सामने आया है। जिसको लेकर जाप (जन अधिकार पार्टी) के छात्र व युवा विंग आंदोलनरत है।

केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन का पुतला दहन और नारेबाजी के साथ पीएचडी दाखिले में हुए धांधली की परते उधेड़ रहे है। साथ ही पीएचडी के नामांकन में हुई धांधली और गलत ढंग से नामांकित बच्चों के नामांकन रद्द करने और दोषी कर्मियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

आंदोलनकारी छात्रों के समूह का आरोप है कि जुलॉजी और मीडिया अध्ययन विभाग के पीएचडी नामांकन में भारी पैमाने पर गड़बड़ी किया गया है। उनका आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन संविधान प्रदत्त पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग के कोटे को ही समाप्त कर दिया है। छात्रों के इस आरोप को शिक्षक संघ के बयान ने और पुष्ट कर दिया है।

महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय में वाइवा के मार्किंग सिस्टम पर ही गंभीर सवाल उठाया है।

शिक्षक संघ ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से किए गए एक पोस्ट में कहा है कि-संवैधानिक अधिकार में छेड़छाड़ का महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय ने पीएचडी नामांकन में नया कृतिमान स्थापित किया है। विश्वविद्यालय के कुछ ऐसे विभाग हैं जहां वाइवा का पूरा अंक विभागाध्यक्ष दे रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि जिन विभागों के विभागाध्यक्षों पर यह आरोप लगाए जा रहे हैं उसमें मीडिया अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष अंजनी कुमार झा का नाम भी शामिल है।

शिक्षक संघ ने अपने बयान में ये भी कहा है कि इससे संबंधित सूचनाएं शिक्षक संघ ऊपरी कमिटी जैसे कि यूजीसी, उच्च शिक्षा विभाग को भी दिया है, लेकिन उसपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

पीएचडी दाखिले में हुई धांधली के आरोप की शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन को भी मिली है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है। वहीं जिले के सिविल सोसाईटी भी अब इस मामले के अन्य मामलों पर गंभीर होता है।

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