पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो )। पटना के कदमकुआं के लोहा सिंह गली में शनिवार को एक जिम प्रशिक्षक पर दो बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की जिसमें उन्हें पांच गोली लगी थी।
गोली लगने के बाद भी उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए खून से लथपथ अपनी स्कूटी चलाकर पीएमसीएच पहुंच गए थे। जहां उनका इलाज चल रहा है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
जिम ट्रेनर विक्रम सिंह का मामला अब राजनीति से जुड़ गया है। घायल विक्रम सिंह के बयान पर पटना के जाने-माने फिजियोथैरेपिस्ट डॉ राजीव सिंह और उनकी पत्नी खुशबू सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी।
हिरासत में लिए गए डॉ राजीव सिंह सत्ताधारी दल जदयू से जुड़े हुए बताये जाते है। वे जदयू चिकित्सक प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष हैं। हालांकि इस घटना में उनका नाम सामने आने पर जदयू ने अपना पल्ला उनसे झाड़ लिया है।
जिम ट्रेनर के गोली लगने के बाद इससे नाम जुडऩे पर जदयू चिकित्सा प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार सिंह को पदमुक्त कर दिया गया है। प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डा. सुनील कुमार सिंह के अनुसार मामले में पुलिस निष्पक्ष जांच करेगी।
जांच पूरी होने तक उन्हें जदयू चिकित्सा प्रकोष्ठ दक्षिणी बिहार के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। भले ही जदयू डॉ राजीव सिंह को पदमुक्त करने की बात कह रही हो लेकिन सियासी गलियारे में उन्हें बचाने की चर्चा चल रही है।
बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने भी इस मामले को उठाते हुए जिम ट्रेनर विक्रम सिंह की आरोपी की गिरफ्तारी की मांग डीजीपी से की है।
अमिताभ कुमार दास ने डीजीपी को लिखे पत्र में मांग की है कि सीएम नीतीश कुमार के आदेश पर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर दंपति को थाने से छोड़ दिया। जबकि पीड़ित जिम ट्रेनर ने पुलिस को दिये बयान में डॉ राजीव सिंह पर साजिश का इल्ज़ाम लगाया था।
इस कातिलाना हमले में उनकी ही साजिश बताई थी। डीजीपी को लिखें पत्र में श्री दास ने कहा है कि आरोपी डा. राजीव सिंह जदयू से जुड़े हुए हैं और सीएम का संरक्षण उन्हें प्राप्त है।
पूर्व आईपीएस ने डीजीपी को लिखे पत्र में उस सूचना का भी हवाला दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि मुझे कई आईपीएस अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेश पर डॉ राजीव सिंह की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है।
उन्होंने डीजीपी से मांग की है कि विक्रम सिंह पर कातिलाना हमला करने वाले के साथ उनकी हत्या की साज़िश रचने वाले आरोपी की गिरफ्तारी जल्द से जल्द की जाएं।
गौरतलब रहे कि विक्रम सिंह सिटी जिम नामक जिम सेंटर चलाते हैं। शनिवार की सुबह जिम जाने के लिए घर से निकले थें। जैसे ही वे लोहा सिंह गली में पहुंचे तभी पहले से घात लगाए दो बदमाशों ने उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। उन्हें पांच गोलियां लगी थीं।
गोली लगने के बाद भी वह स्थानीय निजी क्लीनिक गये लेकिन वहां उनका इलाज नहीं हुआ। बाबजूद वह हिम्मत नहीं हारे। कदमकुआं से खून से लथपथ ढ़ाई किलोमीटर स्कूटी चलाकर वे पीएमसीएच पहुंचे जहां उनका इलाज शुरू किया गया।
पुलिस को दिये बयान में जिम ट्रेनर विक्रम सिंह ने जदयू नेता डॉ राजीव सिंह पर कातिलाना हमले करवाने का आरोप लगाया था। जिसके बाद डॉ राजीव सिंह और उनकी पत्नी को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया।
बाद में उन्हें थाने से छोड़ दिया गया। जिसे लेकर काफी सियासी हंगामा भी हुआ। मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा और हाईप्रोफाइल बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस केस दर्ज कर मामले की छानबीन में जुट गई है।
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