चाईबासा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा का अचानक कांग्रेस छोड़कर भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ने और उनके खिलाफ झामुमो की कद्दावर नेत्री पूर्व मंत्री जोबा मांझी के मैदान में उतरने से सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र काफी हॉट सीट बन चुका है।
विशेषज्ञों की मानें तो भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने के बाबजूद कांग्रेस के निवर्तमान सांसद गीता कोड़ा की राह आसान नहीं है। ऐसे भी सिंहभूम लोकसभा चुनाव क्षेत्र में पिछले 35 वर्ष में कोई भी प्रत्याशी लगातार दूसरी बार सांसद नहीं चुना गया है।
हालांकि सिंहभूम में 1957 से लेकर 2019 तक में बागुन सुंबई ही मात्र एक ऐसे नेता रहे हैं, जो लगातार चार बार सांसद बने हैं। बागुन वर्ष 1977, 1980, 1984 व 1989 में लगातार सांसद बने थे।
इसके अलावा किसी भी चुनाव में कोई प्रत्याशी दूसरी बार सांसद नहीं बन सका। बागुन सुंब्रुई के अलावा लक्ष्मण गिलुआ दो बार इस सीट से विजयी हुए हैं। लक्ष्मण गिलुआ वर्ष 1999 व वर्ष 2014 में सांसद चुने गये थे।
बागुन सुंब्रुई के 1989 में जीतने के सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र वर्ष बाद वर्ष 1989 से लेकर 2019 तक हुए चुनाव में कोई भी सांसद लगातार दूसरी बार लोकसभा नहीं पहुंच सका। कांग्रेस ने अब तक छह और भाजपा ने तीन बार इस सीट से जीत हासिल की है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा एक बार सिंहभूम से जीत दर्ज की है। कांग्रेस के टिकट पर चार बार बागुन सुंब्रुई व एक-एक बार विजय सिंह सोय और गीता कोड़ा चुनाव जीती है। जबकि भाजपा से लक्ष्मण गिलुआ दो और चित्रसेन सिंकु एक बार चुनाव जीत चुके हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा से कृष्णा मार्डी सांसद बने थे। वर्ष 2009 में मधु कोड़ा सांसद बने थे।
वर्ष 1989 में बागुन सुंब्रुई के बाद 1991 में झामुमो के कृष्णा मार्डी सांसद बने थे। इसके बाद 1996 में भाजपा पहली बार इस सीट पर कब्जा जमाने में सफल हुई थी। 1996 में चित्रसेन सिंकु लोकसभा पहुंचे थे।
इसके बाद 1998 में हुए चुनाव में चित्रसेन सिंकु को कांग्रेस प्रत्याशी विजय सिंह सोय हराया। वर्ष 1999 के चुनाव में भाजपा ने लक्ष्मण गिलुआ को उम्मीदवार बनाया। कांग्रेस प्रत्याशी विजय सिंह सोय चुनाव हार गये। सांसदों के लगातार दूसरी बार संसद नहीं पहुंचने का सिलसिला आगे भी जारी रहा।
वर्ष 2004 में भाजपा ने लक्ष्मण गिलुआ को फिर से मैदान में उतारा पर वे कांग्रेस प्रत्याशी बागुन सुंब्रुई से चुनाव हार गये। इसके बाद वर्ष 2009 में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा निर्दलीय चुनाव जीत कर पहली बार सांसद बने। इसके बाद 2014 में भाजपा ने फिर से लक्ष्मण गिलुआ को उम्मीदवार बनाया। फिर भाजपा तीसरी बार यह सीट जीतने में कामयाब हुई। वर्ष 2019 में भी दूसरी बार लगातार सांसद नहीं बनने का रिकार्ड टूट न सका।
लक्ष्मण गिलुआ 2019 में चुनाव हार गये। 2019 में कांग्रेस सीट जीतने में सफल रही। वर्ष 2019 में गीता कोड़ा सांसद बनी। अब सिंहभूम में इस बार गीता कोड़ा भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही है।
गीता कोड़ा ने इस बार अचानक कांग्रेस छोड़ कर भाजपा ज्वाइन कर ली है। झामुमो ने विधायक जोबा मांझी को प्रत्याशी बनाया है, जो एक कद्दावर नेत्री मानी जाती है और फिलहाल चाईबासा क्षेत्र के ही मनोहरपुर सीट से विधायक हैं और उन्हें कांग्रेस नीत महागठबंधन का समर्थन प्राप्त है।
वर्ष नाम पार्टी
1989 बागुन सुंबई कांग्रेस
1991 कृष्णा मार्डी झामुमो
1996 चित्रसेन सिंकु भाजपा
1998 विजय सिंह सॉय कांग्रेस
1999 लक्ष्मण गिलुआ भाजपा
2004 बागुन बुई कांग्रेस
2009 मधु कोड़ा निर्दलीय
2014 लक्ष्मण गिलुआ भाजपा
2019 गीता कोड़ा कांग्रेस
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