रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। आज 15 दिसम्बर को झारखंड सरकार से आक्रोशित हजारों छात्रों ने जेएसएससी कार्यालय का घेराव किया और आयोग एवं सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की।
बताते चलें हेमंत सोरेन ने 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड के युवाओं को दो वर्ष के अंदर पांच लाख नौकरी देने की वादा किया था। समय-समय पर युवाओं द्वारा नौकरी की मांग उठने लगी। दबाव को देखते हुए हेमंत सरकार ने आनन-फानन में 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित कर दिया। जो पुरी तरह असफल रहा।
छात्रों द्वारा जब भी नियुक्ति की मांग की गई सरकार एक महीने में 20 हजार, दो महीने में 30 हजार नियुक्ति करती रही और आश्वासन पर आश्वासन देकर चार वर्ष गुजार दी। बहुत से छात्र नेता इन मुद्दों को भंजा कर नेता बन गये। लेकिन छात्रों की मुद्दे जस के तस है। उसकी भविष्य अंधकारमय होती चली गई।
जेपीएससी व जेएसएससी पुरी तरह निष्क्रिय हो चुकी है। समय पर कोई परीक्षा नहीं ले रही है। कोई परीक्षा होती भी है तो विवादित हो जाती है और अंत में रद्द कर दी जाती है। परीक्षा के इंतजार में लाखों छात्र की उम्र खत्म हो रही है या हो गई है।
पिछले दिनों जेएसएससी सीजीएल जो वास्तव में 2016 की वैकेंसी है कई बार रद्द हो चुकी है कि परीक्षा होने वाली थी। परीक्षा से कुछ दिन पहले आयोग ने परीक्षा लेने में असमर्थता जताई और परीक्षा स्थगित कर दिया। जिससे आक्रोशित हजारों छात्रों ने 15 दिसंबर को कार्यालय घेराव की रणनीति बनाई और कंपकंपाती ठंड में आयोग के कार्यालय की घेराबंदी की और सभी परीक्षा सीघ्र व पारदर्शी तरीके से करने की मांग की।
इस आन्दोलन में मुख्य रूप से राजेश ओझा , विशाल पाल, प्रकाश पोद्दार, काजल मंडल, कुणाल प्रताप, सत्यनारायण शुक्ला, विनय मेहता, अरुण अग्रवाल, भारती खुशवाहा, अनुज शंकर, इमाम सफी, अनिल मिश्र, संजय तिवारी, पवन झा, स्मृति ऐश्वर्या, राजा दास, रामशरण, जैसे छात्रों एवं शिक्षकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- मुजफ्फरपुरः अंचलाधिकारी और दो कर्मचारी पर सामूहिक दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज
- पिकअप में सब्जी की जगह मिली 36 कार्टून शराब, 2 तस्कर गिरफ्तार
- नालंदा सांसद कौशलेन्द्र कुमार की इस बहादुरी के चर्चे हर जबान पर !
- नालंदाः हथकड़ी लगाए नौकरी ज्वाइन करने पहुंचे BPSC पास टीचर को देख सब भौंचक
- सरायकेला एवं उसके आसपास बेरोकटोक जारी है अवैध लॉटरी (जुआ) का चोखा धंधा