पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो)। मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेंद्र यादव के सरकारी एवं गैर-सरकारी ठिकानों पर बुधवार सुबह से ही बिहार स्पेशल विजिलेंस यूनिट की छापामारी चल रहीं है।
इस छापेमारी का नेतृत्व डीजी हसनैन खां कर रहे हैं। उनके साथ छापेमारी दल में एसपी एवं डीएसपी रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। कुलपति पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में वित्तीय एवं अन्य गड़बड़ियों के अलावा कुलपति पर 16 करोड़ की राशि हेराफेरी का भी आरोप है।
उन पर कई ऐसी चीजों को खरीदने का आरोप है, जिनका इस्तेमाल विश्वविद्यालय में नहीं हो सका। गार्ड की नियुक्ति में भी धांधली का आरोप लगा है। टीम ने गया के साथ ही गोरखपुर स्थित घर पर भी छापेमारी की है। अब तक पांच करोड़ कैश के साथ ही करोड़ों की अवैध कमाई का पता चलने की बात कही जा रही है।
गया में बुधवार की अहले सुबह कुलपति के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की गयी। इस मामले में विजिलेंस कोर्ट द्वारा सर्च वारंट जारी किया गया था। मगध विश्वविद्यालय स्थित कुलपति के कार्यालय में छापेमारी के दौरान वहां रहे सभी कर्मियों के मोबाइल भी जब्त कर लिये गए। साथ ही कार्यालय से किसी को बाहर जाने और आने पर रोक लगा दी गयी थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार फरवरी 2021 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता सूर्य कुमार द्वारा डिग्री प्रिटिंग, कॉपी व अन्य सामग्री के खरीद में हेराफेरी का आरोप लगाते हुये विजिलेंस से जांच की मांग की थी। इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई द्वारा पहले कुलपति के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने केस (संख्या 2/2021) दर्ज किया है। उसमें मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेन्द्र प्रसाद सिंह, निजी सचिव सुबोध कुमार समेत एक और व्यक्ति पर केस दर्ज किया है। इसके अलावा पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार जितेंद्र कुमार और अन्य के खिलाफ धारा 120 बी, 420 आईपीसी, पीसी एक्ट 1988 समेत अन्य धाराओं में 16 तारीख को केस दर्ज किया गया था।
उसके बाद कुलपति के कई ठिकानों पर छापेमारी शुरू हुई है।कुलपति के निजी सहायक के घर भी छापेमारी की गई।स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने केस दर्ज किया है जिसमे में वीसी डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह उनके निजी सहायक सुबोध कुमार और कई अन्य अधिकारियों के नाम शामिल है।
उधर गोरखपुर में आजाद नगर स्थित मकान पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट की टीम ने छापेमारी की। प्रो राजेंद्र प्रसाद पर कुलपति रहते हुए अपने रिश्तेदार की एजेंसी से करोड़ों की अवैध खरीद का आरोप है। यहां उनके पुत्र अशोक प्रसाद का परिवार रहता है।
कुलपति राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ 20 करोड़ से अधिक की अवैध खरीदारी का आरोप है। ये खरीददारी उन्होंने मगध यूनिवर्सिटी और वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति रहते की। इस केस में डीएसपी लेवल के अफसर छापेमारी का नेतृत्व कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि कुलपति ने अपने रिश्तेदार की एजेंसी से करोड़ों की अवैध खरीददारी की। इस दौरान कुलपति ने निविदा की प्रक्रिया और नियम का उल्लंघन किया।
प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि और इलाहाबाद स्टेट विवि प्रयागराज के कुलपति रह चुके हैं। वे रक्षा अध्ययन विषय के आचार्य हैं। साल 2019 में उन्हें बिहार के मगध यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाया गया था।
इससे पहले वे इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय को कुलपति भी रह चुके हैं। जबकि इससे पहले वे राज्य विश्वविद्यालय के ओएसडी थे। प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद यादव गोरखपुर के रहने वाले हैं। उनके नाम कई शैक्षिक उपलब्धियां दर्ज हैं।
इससे पहले वे दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर रह चुके हैं। राज्य विवि में उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में चार बार चीफ प्रॉक्टर रहे हैं।
इसके अलावा वे डीन, रजिस्ट्रार एवं वित्त अधिकारी भी रह चुके हैं। कई सारे शैक्षिक एवं अकादमिक पदों पर कार्य कर चुके हैं।
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