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शर्मनाकः बोलोरो के धक्के से जख्मी गर्भवती अस्पताल में चीखती-चिल्लाती रही, लेकिन कोई देखने नहीं आया  

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अस्पताल में महिला की गर्भवती बेटी चीखती-चिल्लाती रही, लेकिन न तो डॉक्टर इलाज को सामने आए न पुलिसवालों का ही कोई अता पता चल रहा था। वहीं महिला अपनी बेटी की मदद के लिए इधऱ उधर भटकती रही…”

जमशेदपुर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। कोरोना के खिलाफ इस वैश्विक जंग में हर कोई एक दूसरे की ओर मदद के हाथ बढ़ा रहा है, वहीं झारखंड के जमशेदपुर पुलिस पर इस महामारी के दौरान दूसरा कलंक लग गया है।

कहा जाता है कि बर्मामाइंस कैरेज कॉलोनी की रहनेवाली एक महिला अपनी गर्भवती बेटी के साथ बैंक जा रही थी, इसी दौरान जमशेदपुर अक्षेस के समीप एक तेज रफ्तार अनियंत्रित बोलेरो सवार ने गर्भवती को धक्का मार दिया।1 5

वैसे मौके पर तैनात जवानों ने बोलेरो सवार को खदेड़कर पकड़ जरूर लिया, लेकिन उसी वक्त बोलेरो सवार को छोड़ भी दिया। इधर पुलिसवाले महिला और उसकी गर्भवती बेटी को एमजीएम अस्पताल पहुंचाकर अस्पताल से चलते बने।

ऐसे में आप समझ सकते हैं कि एक तरफ पूरे देश की पुलिस मानव सेवा में 24 घंटे तत्पर है, वहीं दूसरी तरफ जमशेदपुर पुलिस पर एक के बाद एक दूसरा कलंक लगा है।

इससे पूर्व बिरसानगर थाना प्रभारी पर एक युवक के हत्या का भी आरोप लग चुका है। हालांकि उस मामले की जांच चल रही है।

लॉक डाउन के दौरान पुलिस को पीड़ित मानवता की सेवा करने का जिम्मा मिला है, दानवता दिखाने के लिए नहीं। वैसे सवाल बहुत बड़ा है, अगर पुलिसवालों ने बोलेरो सवार को पकड़ लिया था, तो किसके आदेश पर उसे छोड़ा।

दूसरा सवाल, जब पुलिसवाले महिला और उसकी गर्भवती बेटी को अस्पताल लेकर गए तो दोनों को लावारिस अवस्था में छोड़ कहां चले गए। कही बोलेरो चालक से वसूली करने के चक्कर में मानवता को तो शर्मशार नही कर दिया! वैसे ये तो जांच का विषय है।  

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