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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हेलीकॉप्टर हादसे से बाल-बाल बचे, जानें डिटेल

राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपने एक बयान में कहा है कि यह अत्यंत गंभीर मामला है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक सरकार की नाकामी को दर्शाती है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।

Chief Minister Nitish Kumar narrowly escapes a helicopter accident, know the details
Chief Minister Nitish Kumar narrowly escapes a helicopter accident, know the details

राजगीर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज शुक्रवार को नालंदा जिले के राजगीर में एक बड़े हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गए। यह रोमांचक और चिंताजनक घटना उस समय घटी, जब वे पटना से हेलीकॉप्टर के माध्यम से राजगीर स्पोर्ट्स एकेडमी के उद्घाटन समारोह में भाग लेने जा रहे थे। इस घटना ने न केवल वहां मौजूद लोगों को स्तब्ध कर दिया, बल्कि वीवीआईपी सुरक्षा व्यवस्था और लैंडिंग स्थलों की तैयारियों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर राजगीर में लैंडिंग के लिए जैसे ही नीचे उतर रहा था, अचानक तेज हवा या हेलीकॉप्टर के रोटर से उत्पन्न दबाव के कारण पास में रखा एक बड़ा टीन का शेड उड़कर हेलीकॉप्टर की दिशा में तेजी से बढ़ने लगा। यह स्थिति अत्यंत खतरनाक थी, क्योंकि यदि टीन शेड हेलीकॉप्टर के रोटर या मुख्य ढांचे से टकरा जाता तो एक बड़ा हादसा हो सकता था, जिससे न केवल हेलीकॉप्टर को नुकसान पहुंचता, बल्कि मुख्यमंत्री और अन्य यात्रियों की जान को भी खतरा हो सकता था।

हालांकि, हेलीकॉप्टर के पायलट की असाधारण सतर्कता और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता ने इस संकट को टाल दिया। पायलट ने हेलीकॉप्टर को नियंत्रित करते हुए स्थिति को संभाला, और टीन शेड हेलीकॉप्टर से सुरक्षित दूरी पर रुक गया। इस कारण हेलीकॉप्टर को कोई नुकसान नहीं हुआ और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुरक्षित रूप से जमीन पर उतर सके।

इस अप्रत्याशित घटना के तुरंत बाद लैंडिंग स्थल पर अफरा,तफरी मच गई। सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल क्षेत्र को घेर लिया और स्थिति को नियंत्रण में लिया। कार्यक्रम में मौजूद सरकारी अधिकारी, कर्मचारी और स्थानीय लोग इस घटना से स्तब्ध और चिंतित थे। कुछ देर बाद स्थिति सामान्य हुई और उद्घाटन समारोह निर्धारित समय पर शुरू हो सका। मुख्यमंत्री ने अपनी सूझबूझ और शांतचित्त रवैये से कार्यक्रम को आगे बढ़ाया, जिससे वहां मौजूद लोगों में राहत की भावना व्याप्त हुई।

इस घटना ने एक बार फिर वीवीआईपी यात्राओं के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और लैंडिंग स्थलों की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेष रूप से यह सवाल उठ रहा है कि इतने महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए लैंडिंग ज़ोन की जांच और तैयारी में इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। एक टीन शेड जैसी हल्की और उड़ने योग्य वस्तु को हेलीकॉप्टर लैंडिंग क्षेत्र के पास क्यों नहीं हटाया गया? क्या मौसम की स्थिति और हेलीकॉप्टर लैंडिंग के प्रभावों का पहले से आकलन नहीं किया गया था?

स्थानीय प्रशासन ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार लैंडिंग स्थल की तैयारी में लापरवाही बरती गई, जिसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नालंदा जिले के डीएम ने कहा कि हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

यह घटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नालंदा दौरे का हिस्सा थी, जिसमें वे जिले के विकास कार्यों की समीक्षा और नई खेल परियोजनाओं का उद्घाटन करने वाले थे। राजगीर स्पोर्ट्स एकेडमी का उद्घाटन बिहार में खेल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस हादसे के बावजूद मुख्यमंत्री ने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। उन्होंने न केवल कार्यक्रम में हिस्सा लिया, बल्कि स्थानीय लोगों और अधिकारियों के साथ विकास योजनाओं पर भी चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने इस घटना पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की। लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वे इस घटना से विचलित नहीं हुए और उन्होंने प्रशासन को भविष्य में ऐसी चूक से बचने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।

इस घटना ने बिहार की जनता और राजनीतिक हलकों में व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई, जबकि कुछ ने प्रशासन की लापरवाही की कड़ी आलोचना की। विपक्षी दलों ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपने एक बयान में कहा है कि यह अत्यंत गंभीर मामला है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक सरकार की नाकामी को दर्शाती है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।

वहीं, सत्तारूढ़ जद(यू) के प्रवक्ता ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

बहरहाल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस हादसे से सुरक्षित बचना निश्चित रूप से राहत की बात है। पायलट की सतर्कता, प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और मुख्यमंत्री की सूझबूझ ने एक बड़े खतरे को टाल दिया। हालांकि यह घटना हमें सुरक्षा प्रोटोकॉल की महत्ता और उनकी सख्ती से पालन की आवश्यकता को याद दिलाती है। उम्मीद है कि जांच के बाद दोषियों पर उचित कार्रवाई होगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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