कोलकाता (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में आज 3 सितंबर,2024 दिन मंगलवार को एंटी रेप बिल (Anti rape bill) पास हो गया। नये कानून के तहत रेप केस की 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी। इसके अलावा पीड़िता के कोमा में जाने या मौत होने पर गुनहगार को 10 दिन के भीतर फांसी की सजा होगी। बिल आगे गवर्नर के पास भेजा जाएगा। उनके साइन के बाद यह कानून बन जाएगा।
ममता सरकार ने एंटी रेप बिल को अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन बिल 2024 नाम दिया है। राज्य सरकार ने बिल पारित करने के लिए 2 सितंबर से दो दिन विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था।
कानून मंत्री मलय घटक ने इसे विधानसभा में पेश किया। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर हुआ था।
इसके बाद देश भर में डॉक्टरों और राजनीतिक दलों के प्रदर्शन के बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि वो राज्य में रेप जैसे अपराध के लिए सख्त कानून बनाएंगी। उन्होंने प्रधानमंत्री को भी इसके लिए दो वार चिट्ठी लिखी थी।
क्या-क्या है बिल में प्रावधानः इस बिल के अनुसार, रेप और हत्या करने वाले अपराधी के लिए फांसी की सजा का प्रावधान है। ऐसे मामलों में पुलिस को 21 दिनों जांच पूरी करनी होगी। दरिंदगी करने वाले के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर सजा-ए-मौत का प्रावधान है। इस बिल में अपराधी की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान है।
हर जिले में अपराजिता टास्क फोर्स इस बिल में हर जिले में स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान है। रेप, एसिड अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में ये टास्क फोर्स एक्शन लेगी। टास्क एक्शन फोर्स इस मामले में अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाएगी।
एसिड अटैक करने वाले को उम्रकैद की सजा : ममता सरकार द्वारा पेश किए गए इस बिल में रेप के साथ ही एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर माना गया है। महिलाओं पर एसिड अटैक करने वालों के खिलाफ ऐसी सजा का प्रावधान किया गया है कि वो ऐसे अपराध करने से पहले 10 बार सोचेंगे। इसके लिए इस बिल में आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों को भी सजाः वहीं इस बिल रेप जैसे मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है। इस बिल के अनुसार, रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान है।
प्रावधानों में संशोधन विधेयक में रेप की जांच और सुनवाई में तेजी लाने के लिए वीएनएसएस प्रावधानों में संशोधन शामिल किया गया है। सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान है। सरकार को उम्मीद है कि इस बिल को लाने से प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी आएगी।
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