रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड की हेमंत सरकार ने जो एंटी पेपर लीक कानून (Anti paper leak law) एक साल पहले पास किया था, उसी कानून को केन्द्र की मोदी सरकार ने दोहराया है। इसे लेकर झामुमो ने भाजपा और उसके नेता खासकर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पर कड़ा हमला बोला है।
झामुमो ने अपने एक्स हैंडल पर व्यंग्यात्मक लहजे में लिखा है कि “क्यों @yourBabulal दादू जी, इसे काला क़ानून बोलियेगा या नहीं? इसकी प्रतियाँ विधानसभा में फाड़ियेगा कब? इसकी शिकायत गवर्नर से कब करियेगा? पिछले वर्ष जब हेमन्त जी ने यही क़ानून पारित कराया, तब आपने नाच नाच कर पूरे राज्य में उल्टा-सीधा कहा। तमाम तरह के आरोप हेमंत सरकार पर लगाए। आज कम से कम हेमन्त जी, जिन्हें आपने जेल में बंद करवाया है, उन्हें थोड़ी मुबारकबाद दे दीजिए। क्योंकि, उन्होंने जो एक वर्ष पहले किया, आज वही कार्य मोदी सरकार कर रही है। और आप अपने कृत्यों के लिए छात्रों से सार्वजनिक माफ़ी माँगे”।
बता दे कि केन्द्र की मोदी सरकार ने पूरे देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू हो गया है। अब परीक्षा में धांधली करते पकड़े जाने पर 10 साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
केंद्र सरकार ने लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) अधिनियम, 2024 को अधिसूचित कर दिया है। यह कानून इस वर्ष फरवरी,2024 में पारित हुआ था। इसमें प्रावधान है कि परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
इस तरह के संगठित अपराध में शामिल लोगों एक करोड़ तक जुर्माना को पांच से 10 साल तक जेल की सजा और एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
इस कृत्य अपराध में प्रश्न पत्र या उत्तर कुंजी का लीक होना, सार्वजनिक परीक्षा में अनधिकृत रूप से किसी भी तरीके से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उम्मीदवार की सहायता करना और कंप्यूटर नेटवर्क या कंप्यूटर संसाधन या कंप्यूटर सिस्टम के साथ छेड़छाड़ करना शामिल है।
इस कानून के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, रेलवे द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाएं, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं के साथ एनटीए द्वारा आयोजित सभी कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं लाए गए हैं।
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