आधी आबादीआस-पड़ोसझारखंडदेशफीचर्डबिग ब्रेकिंगशिक्षा

कस्तूरबा विद्यालय की एक और नाबालिग छात्रा हुई गर्ववती

उधर कांडी के आवासीय विद्यालय में छात्रा के गर्भवती बनने के मामले में पीड़ित छात्रा को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया। सीडब्ल्यूसी की ओर से पुलिस को 72 घंटे में छात्रा का प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। छात्रा के 164 का बयान भी दर्ज नहीं किया गया है। छात्रा का गर्भपात करा दिया गया है ……”

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। झारखंड प्रदेश के गढ़वा जिले के केतार थाना क्षेत्र में एक नाबालिग का धर्म परिवर्तन कराकर गर्भवती बनाने का मामला प्रकाश में आया है।

मामला सीडब्ल्यूसी (चाईल्ड वेलफेयर कमेटी) में आने के बाद उसे बालिका गृह पलामू में रखा गया है। वह पांच महीने की गर्भवती है।

पीड़िता ने बताया है कि आरोपी मुराद अली उसे 15 अक्तूबर 2019 को दिल्ली ले गया था। वहां से 25 नवंबर को वह अकेले टाटा-मूरी एक्सप्रेस से नगर ऊंटारी के लिए चली।

दिल्ली से आने के बाद 27 नवंबर को वह मुराद के घर पहुंची। बताया कि मुराद पहले से शादीशुदा था और उसके तीन बच्चे भी हैं। चाईल्ड लाइन भवनाथपुर ने मामला पता चलने पर इसकी शिकायत सीडब्ल्यूसी से की।

29 नवंबर को पीड़िता को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। पीड़िता ने वहां अपने बयान में बताया कि उसका बाल विवाह इलाहाबाद के राजापुर अंडोली में रणधीर बैठा के साथ हुआ था।

15 अक्तूबर को वह मुराद के बहकावे में आकर उसके साथ दिल्ली चली गई। मुराद वहां सरिया सेंटरिंग का काम करता था। दोनों पति-पत्नी की तरह वहां रहने लगे। इसके बाद सीडब्ल्यूसी ने मामले को थाने भेज दिया। मामला थाना में जाने के कारण मुराद ने उसे रखने से इनकार कर दिया।

बालगृह की वार्डन और चाईल्ड लाइन की समन्वयक कंचन अमूल्य तिग्गा की ओर से आवेदन देकर कहा गया है कि पीड़िता न तो अपने घर जाना चाहती है और न ही आरोपी के घर। वह बालिका गृह में रहकर बच्चे को जन्म देना चाहती है।

सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने बताया कि जच्चा और बच्चा के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए तत्काल पीड़िता को सक्षम बालिका गृह या नारी गृह भेजने की जरूरत है।

सीडब्ल्यूसी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार पलामू और गढ़वा के अलावा डीसी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, आईसीपीएस झारखंड और झालसा को पत्र लिखकर आवश्यक कदम उठाने के साथ पीड़िता को विधिक सहायता और पीड़ित मुआवजा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।

उधर कांडी के आवासीय विद्यालय में छात्रा के गर्भवती बनने के मामले में पीड़ित छात्रा को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया। सीडब्ल्यूसी की ओर से पुलिस को 72 घंटे में छात्रा का प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। छात्रा के 164 का बयान भी दर्ज नहीं किया गया है। छात्रा का गर्भपात करा दिया गया है।

सीडब्ल्यूसी के अनुसार कि छात्रा को प्रस्तुत नहीं करना गंभीर मामला है। छात्रा के पिता की ओर से मामले में केस दर्ज कराया गया है। मामले में उसके चचेरे भाई को ही आरोपी बनाया गया है। जबतक छात्रा से बयान नहीं लिया जाता मामले में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है।

 

पीड़िता ने सीडब्ल्यूसी को बताया कि उसका धर्म परिवर्तन भी कराया गया। उसके बाद उसपर प्रतिबंधित मांस खाने का दबाव बनाया गया। मुराद के समक्ष गिड़गिड़ाने पर कि बाद में खा लेंगे, उसे बख्श दिया गया।

बयान दर्ज होने के बाद उसकी मेडिकल जांच कराई गई। जांच के क्रम में 30 अक्तूबर को पाया गया कि वह गर्भवती है। प्रसव की संभावित तिथि पांच जुलाई 2020 है। सीडब्ल्यूसी के निर्देश पर भी मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई।

बाध्य होकर सीडब्ल्यूसी ने मामले को जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव के पास भेजा। सचिव के निर्देश पर केस दर्ज किया गया। पुलिस की ओर से न तो सीडब्ल्यूसी को प्राथमिकी की जानकारी दी गई है और न ही न्यायालय में पीड़िता का 164 का बयान ही दर्ज कराया गया है।

उधर टेल्को में दुष्कर्म की शिकार एक युवती ने मृत बच्चे को जन्म दिया। उस बच्चे के शव का पोस्टमार्टम हुआ। कोर्ट ने डीएनए जांच का आदेश दिया है। गर्भवती युवती ने 23 जनवरी को टेल्को थाने में दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें विशाल सिंह को आरोपी बनाया था।

पुलिस ने विशाल को गिरफ्तार कर 24 जनवरी को जेल भेज दिया है। इसके बाद पुलिस ने जब लड़की का मेडिकल कराया तो पता चला कि उसके गर्भ में मृत बच्चा पल रहा है।

Related Articles

error: Content is protected !!
भयानक हादसा का शिकार हुआ तेजस्वी यादव का जन विश्वास यात्रा काफिला These 5 science museums must be shown to children once The beautiful historical Golghar of Patna Naxalite bunker and camp demolished in forested hilly area of Jharkhand