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    Sunday, May 5, 2024
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      जज मानवेन्द्र मिश्र का एक और अनुकरणीय फैसला, एक गरीब किशोर को सजा की जगह दी शिक्षा

      बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)।  किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने एक और मानवीय फैसला सुनाते हुए मामूली मारपीट के आरोपी किशोर को न सिर्फ रिहाई दी, बल्कि उसकी पढ़ाई का खर्च भी स्वयं वहन करने की बात कही है।

      16 वर्षीय 9वीं कक्षा का छात्र फटे-चिटे कपड़े और स्कूल बैग के साथ जेजेबी के कोर्ट में पहुंचा था। प्रधान दंडाधिकारी श्री मिश्रा ने उससे मुकदमे की जानकारी, कार्य, घर की आर्थिक स्थिति आदि की जानकारी ली।

      उसने बताया कि वह 9वीं का छात्र है और माता-पिता मजदूरी करते हैं। पढ़ाई का खर्च चलाने के लिए वह गांव की ही मुख्य सड़क पर अंडा बेचता है।

      उसने बताया कि परिवार के साथ झगड़े में वह शामिल नहीं था। दोनों पक्षों में मामूली बात को लेकर गाली-गलौज व मारपीट हुई थी। उसमें उसके भाई को गंभीर चोट लगी थी।

      29 फरवरी 2020 को हुई इस घटना में दोनों पक्षों द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी और किशोर को भी आरोपी बना दिया गया था।

      उसने बताया कि कोरोना काल में उसकी पढ़ाई प्रभावित हुई है। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कोई इलेक्ट्रॉनिक गजट नहीं है।

      पढ़ाई के प्रति उसकी रुचि को देखते हुए प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने उसके खिलाफ लंबित मुकदमे को बंद करते हुए उसके अभिभावक को उचित देखभाल और अपनी विवादों से दूर रखने का निर्देश दिया।

      जिला बाल संरक्षण इकाई को उन्होंने  उक्त किशोर के पश्चातवर्ती देखभाल योजना तैयार करने के निर्देश दिये हैं। ताकि उसकी मौलिक आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

      किशोर ने अभाव के कारण सही तरीके से पढ़ाई नहीं कर पाने की बात कही थी। उसने अंग्रेजी और साइंस के लिए दो कोचिंग में पढ़ाई करने की इच्छा भी जतायी थी।

      जिस पर श्री मिश्रा ने दोनों कोचिंग संचालक को कोचिंग संस्थान में पढ़ाने का आदेश दिया है। कोचिंग शुल्क का भुगतान प्रधान दंडाधिकारी श्री मिश्रा स्वयं वहन करेंगे।

      दोनों कोचिंग संचालकों को उक्त किशोर की पहचान पूरी तरह गुप्त रखने का निर्देश दिया गया है। ताकि क्लास के किसी अन्य बच्चे को यह महसूस नहीं हो कि उक्त किशोर दया का पात्र है।

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