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बिहार की राजनीति में अब अरवा-उसना चावल का बखेड़ा

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। बिहार में एक ओर जहां धान की खरीद अभी तेजी नहीं पकड़ पाई है, वहीं सरकार के केवल अरवा चावल के खरीद पर रोक के आदेश पर विपक्ष सीधे उखड़ गया है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में अब तक 6716 खरीद केंद्रों के जरिए 15,439 किसानों से 1 लाख 10 हजार टन से ज्यादा की धान खरीदी की गई है।

आंकड़ों से साफ है कि अब तक किसान धान बेचने में बहुत रुचि नहीं ले रहे हैं। बताया यह भी जा रहा है कि अभी कई स्थानों पर खरीद केंद्र प्रारंभ भी नहीं किए गए हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, जमुई और मुंगेर में धान की खरीद अभी बहुत धीमी है। बता दें कि 1 नवंबर से उत्तर बिहार में और 15 नवंबर से दक्षिण बिहार में धान की खरीद शुरू हुई है।

इस साल किसानों से 45 लाख टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। इधर, सरकार के केवल अरवा चावल की खरीद पर लगायी गयी रोक को लेकर भी विपक्ष भड़क गया है।

इधर, बिहार बीजेपी के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा किका कहना है कि जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकानों के लिए अरवा चावल की खरीद पर रोक लगा रही सरकार को यह तक नहीं पता कि बिहार के पटना, नालंदा जैसे कई जिलों में उसना चावल की मांग अधिक है तो पूर्वी-पश्चिमी चंपारण जैसे कई जिलों के लोग अरवा चावल खाना पसंद करते हैं।

उन्होंने कहा कि जिन जिलों में लोग सैंकड़ों वर्षों से अरवा चावल खाते आ रहे हैं, उन्हें जबरन उसना चावल खाने पर मजबूर कैसे किया जा सकता है। कई जिलों में उसना चावल के मिल हैं।

 

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