राँची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सबसे पहले ग्रामीण विकास विभाग के 6 प्रमुख योजनाओं की समीक्षा की।
इसके तहत मनरेगा, मनरेगा के तहत नियुक्ति की प्रक्रिया बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर शहीद पोटो हो विकास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना( ग्रामीण) और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर आवास योजनाओं के प्रगति की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कम बारिश की वजह से इस वर्ष सूखे की स्थिति है । ऐसे में किसानों -मजदूरों का पलायन नहीं हो ,इसका विशेष ख्याल रखें। ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित किया जाएं और योजनाओं का क्रियान्वयन बड़े पैमाने पर हो।
उन्होंने कहा कि योजनाओं की जियो मैपिंग भी कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं का स्थल निरीक्षण भी किया जाएगा।
विभाग ने योजनाओं की प्रगति की दी जानकारीः
- बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 16.58 लाख फलदार और 2.72 लाख इमारती पौधे लगाए जा चुके हैं
- वीर शहीद पोटो हो विकास योजना के तहत 3371 योजनाएं दी गई हैं जिसमें 1041 पूरी कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री ने लंबित योजनाओं का कार्य 15 नवंबर तक पूरा करने के दिए निर्देश। हर पंचायत में इस योजना को लेने का भी दिया गया निर्देश।
- प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 16 लाख से ज्यादा आवास बनाने का लक्ष्य है । इसमें 81 परसेंट आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है। जबकि 2 लाख 90 हज़ार के लगभग आवास का कार्य लंबित है। वही केंद्र सरकार ने1 लाख 75 हज़ार नए आवास स्वीकृत किये हैं।
- बाबा साहब भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत इस वर्ष 11 हज़ार 155 आवास बनाने का लक्ष्य है। इसमें 62100 आवास स्वीकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देशः
- हर गांव में कम से कम 5 नई योजनाओं को अविलंब शुरू करें।
- अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति को मनरेगा कार्यों में प्राथमिकता दें।
- मनरेगा में 50% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करें।
- मनरेगा कार्यों में जेसीबी का इस्तेमाल नहीं हो।
- फर्जी मस्टर रोल पर अविलंब रोक लगे।
- मनरेगा के तहत ससमय कार्य का अवलोकन करें और समय पर मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करें।
- ज्यादा से ज्यादा मानव दिवस का सृजन करें ताकि पलायन नहीं हो।
- मुख्यमंत्री ने खनन वाले इलाकों में एक करोड़ के तक की योजनाओं का कार्य स्थानीय लोगों को देने की दिए गए निर्देश के आलोक में उठाए गए कदमों की जानकारी ली।
उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, कार्मिक सचिव वंदना डाडेल और मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे समेत सभी विभागों के प्रधान सचिव / सचिव तथा सभी जिलों के उपायुक्त उपस्थित है।
राजस्व निबंधन. और भूमि सुधार विभाग की समीक्षाः मुख्यमंत्री ने राजस्व , भूमि सुधार एवं निबंधन विभाग की दाखिल खारिज उत्तराधिकार नामांतरण , राजस्व संग्रहण और राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों की समीक्षा कर अधिकारियों को कई निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में जमीन का सर्वे कराने की दिशा में विभाग ठोस कदम उठाए । उन्होंने इसके लिए अन्य राज्यों में जमीन के सर्वे के लिए अपनाई गई प्रक्रियाओं का अध्ययन का रिपोर्ट तैयार करें और उसके आधार पर राज्य में भी जमीन का सर्वे करने की दिशा में पहल करें।
उन्होंने कहा कि जमीन का सर्वे नहीं होने से आने वाले दिनों में कई विवादों के साथ लोगों की परेशानियां और बढ़ जाएंगी , इसलिए इसका समाधान बेहद जरूरी है।
विभाग के द्वारा बताया गया कि राज्य में दाखिल खारिज के कुल 12 लाख 97 हज़ार 967 दाखिल खारिज के आवेदन आए। इसमें 5 लाख 84 हज़ार आवेदनों का निष्पादन कर दिया गया। जबकि 6 लाख 42 हज़ार आवेदन रिजेक्ट किए गए। वर्तमान में 528 ऐसे आवेदन हैं जो 90 दिनों से ज्यादा समय से लंबित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दाखिल खारिज के मामलों का यथाशीघ्र निष्पादन सुनिश्चित करें
जमीन से जुड़े मुकदमों का निष्पादन के लिए राजस्व कोर्ट लगाने के निर्देशः मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उपायुक्त समेत अन्य पदाधिकारी जमीन से जुड़े मुकदमों के निष्पादन के लिए राजस्व कोर्ट नहीं लगाते हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उपायुक्त समेत अन्य पदाधिकारी नियमित कोर्ट लगाकर जमीन से जुड़े मुकदमों का निपटारा करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपायुक्त एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा लगाए गए राजस्व कोर्ट में निष्पादन किए गए मामलों की 3 महीने के बाद समीक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री के निर्देशः
- दाखिल खारिज के मामले 90 दिनों से ज्यादा लंबित नहीं रहे इसे सुनिश्चित किया गया सभी उपायुक्त इस पर विशेष ध्यान दें ।
- रजिस्ट्री आधारित दाखिल खारिज हो, इसे सुनिश्चित करें।
- उत्तराधिकार से जुड़े दाखिल खारिज के मामलों का यथाशीघ्र निष्पादन सुनिश्चित किया जाए
- विभाग की वेबसाइट पर अपलोड होने वाले दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए।
ऊर्जा विभाग की समीक्षा बाद दिए गए ये निर्देशः
- सभी जिलों के डीसी को एक ही जगह पर 60 से 100 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश ताकि 20 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगाया जा सके।
- सरकार द्वारा एक पेड़ लगाने पर 5 यूनिट बिजली निशुल्क देने की योजना का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार सुनिश्चित करने का निर्देश।
- राज्य में किस फीडर से कितनी बिजली बेची जा रही है और कितना रेवेन्यू आ रहा है इसका आकलन किया जाए।
- बिजली बिल से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए ज्यादा संख्या में सर्टिफिकेट अफसर रखें और ज्यादा बकायेदारों से जुड़े मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन करें।
खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग की समीक्षाः मुख्यमंत्री ने खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग की समीक्षा के दौरान धान अधिप्राप्ति , झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत 5 लाख नए राशन कार्ड वितरण , राशन कार्ड आधार सीडिंग , पीटीजी डाकिया योजना और गोदाम निर्माण योजना के प्रगति की जानकारी ली।
इस मौके पर विभाग की ओर से मुख्यमंत्री को बताया गया कि कम बारिश और सूखे की स्थिति में इस वर्ष 8 लाख मीट्रिक टन धान उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित है ।
दिए गए निर्देशः
- किसान खुद निबंधन करा सके, इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश
- इस वर्ष अक्टूबर तक एक हज़ार मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम निर्माण को लेकर जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश । यह निर्देश उन जिलो को दिया गया है, जिनके द्वारा गोदाम निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराया गया है।
- इस वर्ष 30 अक्टूबर तक शत प्रतिशत अनाजों का उठाव करने का निर्देश। साथ ही इसका वितरण भी सुनिश्चित किया जाए।
श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा, ये दिए गए निर्देशः
- राज्य के जिन आईटीआई भवन का इस्तेमाल सीआरपीएफ अथवा आईआरबी के द्वारा रहने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है ,उन्हें खाली कराने का निर्देश। इसके अलावा सीआरपीएफ एवं आईआरबी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का भी उपायुक्तों को दिया गया निर्देश।
- निजी क्षेत्र में 40 हज़ार मासिक वेतन तक की नौकरियां स्थानीय युवाओं को देने के लिए बनाई गई नियमावली को अगले माह से लागू करने के निर्देश
- जिला स्तर पर प्रवासी मजदूरों के लिए 10 लाख रुपए तक का फंड बनाया जाएगा । जिसमें किसी प्रवासी मजदूर की दुर्घटना में अगर उसकी मौत हो जाती है तो उसके आश्रितों को तत्काल 50 हज़ार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
- झारखंड में ई- श्रम पोर्टल पर अब तक 90 लाख 48 हज़ार से ज्यादा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का निबंधन हो चुका है ।
खनन विभाग की समीक्षाः
- 15 अक्टूबर से बालू घाटों की बंदोबस्ती की जानी है । इस सिलसिले में सभी जिलों के उपायुक्त आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठाएं।
- कोल ब्लॉकों को ऑपरेशनल बनाने के लिए कदम उठाया जाए । इसके लिए संबंधित जिलों के उपायुक्त इस दिशा में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित विभागों के साथ नियमित बैठक करें।
- चिन्हित किए गए नए पत्थर खदानों की समीक्षा करने के निर्देश
पथ निर्माण विभाग की समीक्षाः
- रायपुर -धनबाद कॉरिडोर, वाराणसी -रांची इकोनामिक कॉरिडोर, रांची- पटना इकोनामिक कॉरिडोर, रांची -जमशेदपुर इकोनामिक कॉरिडोर और दिल्ली -कोलकाता नेशनल कॉरिडोर के जमीन अधिग्रहण और अन्य प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के संबंधित जिलों को उपायुक्तों को दिया गए निर्देश।
- पथ निर्माण से जुड़ी सभी परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश।
- राज्य में एनएचएआई की सड़कों पर 18 जगह बाईपास बनाए जाएंगे। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश।
- सड़क परियोजनाओं को लेकर भूमि अधिग्रहण में 11 सौ करोड़ रुपए का फंड आवंटित है । जिसमें 661करोड़ रुपए अभी भी बचे हैं । जिन रैयतों की जमीन सड़क परियोजनाओं के लिए ली गई है, उनके बीच बची हुई राशि का भुगतान जल्द करने के निर्देश।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की समीक्षाः
- मॉडल स्कूल में अनुबंध आधारित बहाली प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के निर्देश
- कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में खाली पड़े पदों को भरने के निर्देश
- लगभग 50 हज़ार शिक्षकों के पदों पर होने वाली नियुक्ति को लेकर जिला स्तर पर जल्द से जल्द रोस्टर क्लीयरेंस दिए गए निर्देश
पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग की समीक्षाः
- राज्य में पर्यटक स्थलों को लेकर टूरिस्ट गाइड बनाने के निर्देश।
- राज्य के सभी प्रखंडों में स्टेडियम की व्यवस्था सुनिश्चित करने के दिए गए निर्देश।
- राज्य सरकार द्वारा हाल ही में लॉन्च पर्यटन नीति और खेल नीति में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए इंसेंटिव समेत कई प्रावधान किए गए हैं । इस सिलसिले में सभी जिलों के उपायुक्त अपने जिलों के चेंबर के अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी जानकारी दें।
कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग की समीक्षाः
- पिछले वर्ष नवंबर में आयोजित आपके अधिकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत जो आवेदन मिले थे। उनमें जो लंबित रह गए थे, उन आवेदनों का त्वरित निष्पादन करने के दिए गए निर्देश।
- सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का जाति प्रमाण पत्र स्कूल के माध्यम से निर्गत करने के लिए चल रहे अभियान को गति देने का निर्देश।
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