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BPSC अभ्यर्थी आंदोलनः PK ने बीच राह छोड़ा, ठंड में गरम हुई सरकार

यह आंदोलन न केवल छात्रों के भविष्य से जुड़ा है, बल्कि सरकार की जवाबदेही और परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है। छात्रों का कहना है कि उनकी मेहनत पर धांधली की वजह से पानी फिर रहा है और सरकार उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को पूरी तरह से रद्द कराने की मांग को लेकर पटना की सड़कों पर रविवार देर शाम तनावपूर्ण माहौल देखने को मिला। गांधी मैदान से शुरू हुए इस आंदोलन ने सीएम आवास तक पैदल मार्च के दौरान जबरदस्त मोड़ लिया। पुलिस द्वारा वाटर कैनन और लाठीचार्ज की कार्रवाई ने ठिठुरती ठंड में आंदोलनकारी छात्रों की हिम्मत को चुनौती दी।

आज रविवार की सुबह से ही गांधी मैदान में सैकड़ों छात्र जुटे हुए थे। इनका मकसद सीएम आवास तक पहुंचकर अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाना था। शाम पांच बजे प्रदर्शनकारी छात्रों ने गांधी मैदान से पैदल मार्च शुरू किया। लेकिन जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर दी। पुलिस की चेतावनियों के बावजूद प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं हुए।

स्थिति को काबू में लाने के लिए पुलिस ने पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। लेकिन जब प्रदर्शनकारियों ने पीछे हटने से इनकार कर दिया तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस कार्रवाई में कई छात्र घायल हुए, जबकि आंदोलन का नेतृत्व कर रहे रहमांशु सर समेत एक दर्जन प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

इस आंदोलन में शामिल प्रशांत किशोर (PK) ने पहले छात्रों का समर्थन किया और प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। हालांकि जेपी गोलंबर पर उन्हें भी रोक दिया गया। उन्होंने छात्रों को मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से बातचीत का प्रस्ताव दिया और कहा कि अगर छात्र संतुष्ट नहीं होते तो अगले दिन आंदोलन की नई रणनीति बनाई जाएगी। इसके बाद प्रशांत किशोर आंदोलन स्थल से निकल गए, जिससे छात्रों में नाराजगी बढ़ गई।

BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर को बिहार के 912 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। लेकिन पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर धांधली के आरोप लगे। इसके बाद केवल इस केंद्र की परीक्षा रद्द कर दी गई और 4 जनवरी को पुनः परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी किया गया। छात्रों की मांग है कि पूरी परीक्षा को रद्द कर सभी केंद्रों पर दोबारा परीक्षा ली जाए।

इस मांग को लेकर छात्र 6 दिसंबर से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इससे पहले गर्दनीबाग और BPSC कार्यालय के पास भी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था।

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने छात्रों से बातचीत करने की पहल की, लेकिन इस मुद्दे का समाधान अब तक नहीं निकला है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे अपने आंदोलन को जारी रखेंगे।

ऐसे में आगामी दिनों में यह देखना अहम होगा कि सरकार और आयोग इस संकट का समाधान कैसे निकालते हैं, या आंदोलन और अधिक उग्र रूप लेता है।

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