राँची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की संपन्न हुई समीक्षा बैठक में राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ राज्य में सुखाड़ को लेकर कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई सूखे का आकलन प्रतिवेदन पर विचार-विमर्श करते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई सूखे का आकलन प्रतिवेदन पर गंभीरता से विचार करते हुए राज्य के चिन्हित 22 जिलों (पूर्वी सिंहभूम एवं सिमडेगा छोड़कर) के 226 प्रखंडों के प्रभावित किसान परिवारों को बड़ी राहत देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखे की स्थिति को देखते हुए 22 जिलों के 226 प्रखंडों के प्रति किसान परिवार को तत्काल सूखा राहत हेतु 3500 रुपए राशि दी जाएगी। इन 226 प्रखंडों के सभी प्रभावित किसान परिवारों को यह राशि शीघ्र ही उपलब्ध करायी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा सुखाड़ का आकलन प्रतिवेदन के अनुसार राज्य में 22 जिलों के 226 प्रखंड सूखे की चपेट में है। ऐसे में राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि प्रभावित किसान परिवारों को तत्काल सूखा राहत राशि उपलब्ध करायी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लगभग 30 लाख से अधिक किसान परिवार सूखे की चपेट में हैं जिन्हें इसका लाभ मिल सकेगा। सूखा राहत राशि उपलब्ध कराने में राज्य सरकार लगभग 1200 करोड़ रुपए का खर्च करेगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल्द राज्य में सूखे की स्थिति का आकलन के आधार पर समेकित प्रतिवेदन तैयार कर केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजते हुए सूखा राहत राशि की मांग की जाएगी।
राज्य के सूखा प्रभावित 22 जिलों के 226 प्रखंडों की सूची इस प्रकार है.. जरीडीह, कसमार, पेटरवार, गोमिया, बेरमो, नावाडीह, कान्हाचट्टी, सिमरिया, तंडवा, इटखोरी,मयूरहंड, सरवाँ, सारठ, कैरों, देवघर, मोहनपुर, सोनारायठाडी, मधुुपुर, पालोजोरी, मारगोमुण्डा, देवीपुर गोविन्दपुर, टुण्डी, तोपचांची, धनबाद, बलियापुर, निरसा, कालियासोल, एग्यारकुण्ड, पूर्वी टुंडी, बाघमारा, जरमुण्डी, दुमका, जामा, मसलिया, रणेश्वर, शिकारीपाड़ा, सरैयाहाट, रामगढ़, काठीकुण्ड, गोपीकांदर,मेराल, डंडई, रमना, विशुनपुरा, भवनाथपुर, चिनियाँ, मझिआंव, सगमा, गढ़वा, डंडा, रांका, कंडी, धुर्की, बड़घर, नगर उंटारी, रामकंडा, बरडीहा, केतर, खरौंधी, भंडरिया, गाण्डेय, बेंगाबाद, जमुआ, धनवार, बगोदर, सरिया, डुमरी, पीरटांड़, गिरिडीह, बिरनी, तिसरी, देवरी, गावां, गोड्डा, पथरगामा, बसंतराय, महागामा, मेहरमा, बोवारीजोर, सुंदरपहाड़ी, पोडैयाहाट, ठाकुरगांगटी, गुमला, पालकोट, चैनपुर, डुमरी, जारी, कामडरा, सिसई, भरनो, बिशुनपुर, घाघरा, रायडीह, दाड़ी, बड़कागांव, केरेडारी, हजारीबाग, चूरचु, दारू, ईचाक, ताती झरिया, कटकमसांडी, बरही, चौपारण, बरकट्टा, चलकुसा, पदमा, बिशुनगढ़, नारायणपुर, कर्माटांड़, जामताड़ा, नाला, कुण्डहित, फतेहपुर, खूँटी, मुरहू, अड़की, कर्रा, तोरपा, रनिया, कोडरमा, जयनगर, मरकच्चो, डोमचांच, सतगांवा, महुआटांड़, गारू, हेरगंज, बरियातु, लातेहार, चंदवा, बालूमाथ, मनिका, बरवाडीह, लोहरदगा, सेन्हा, भंडरा, कुडू, कैरो, किस्को, पेशरार, पाकुड़िया, पाकुड़, हिरनपुर, लिट्टीपाड़ा, अमरापाड़ा, महेशपुर, मनातू, लेस्लीगंज, पांकी, मेदनीनगर, तरहस्सी, बिश्रामपुर, नवाबाजार, पाण्डू, पड़वा, हरिहरगंज, छतरपुर, नौडीबाजार, रामगढ़, चैनपुर, उटारी रोड, पाटन, सतबरवा, हैदरनगर, हुसैनाबाद, मोहम्मदगंज, पिपरा, दुल्मी, चितरपुर, माण्डू, पतरातू, गोला, माण्डर, बेड़ो, इटकी, ओरमांझी, नामकुम, अनगड़ा, सिल्ली, तमाड़, रातु, नगड़ी, बुड़मू, खलारी, लापुंग, बुण्डू, चान्हो, सोनाहातु, बरहरवा, साहेबगंज, बोरियो, मंडरो, बरहेट, पतना, राजमहल, उधवा, तालझारी, सरायकेला, खरसावाँ, कुचाई, चाण्डिल, ईचागढ़, कुकडू, राजनगर, गम्हरिया, झींकपानी, टोंटो, जगन्नाथपुर, नवामुण्डी, मंझगांव, कुमरडुंगी, मंझरी, तांतनगर, चक्रधरपुर, सोनुवा, गोइलकेला, मनोहरपुर, बंदगांव, हाटगम्हरिया, गुदड़ी, चाईबासा, खूँटपानी, आनन्दपुर।
इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में कृषि मंत्री बादल, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, प्रधान सचिव वित्त विभाग अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग हिमानी पांडे, सचिव आपदा प्रबंधन विभाग अमिताभ कौशल, सचिव कृषि विभाग अबू बकर सिद्दीख, सचिव जल संसाधन विभाग प्रशांत कुमार, सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के रवि कुमार, कृषि निदेशक निशा उरांव, निदेशक समाज कल्याण विभाग छवि रंजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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