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एक्सपर्ट मीडिया के खुलासे के बाद मचा हड़कंप, नालंदा जिप अध्यक्षा पहुंची चंडी बीआरसी

जिप अध्यक्षा तनुजा कुमारी के बीआरसी निरीक्षण के बाद से उन पंचायत के मुखियाओं और पंचायत सचिवों के बीच हडकंप मचा हुआ हैं ,जिन्होंने नियम कानून ताक पर रख कर शिक्षकों की अवैध बहाली की हैं । अगर सही तरीके से जांच की जाए तो चंडी में एक बड़े रैकेट का भी पर्दाफाश हो सकता है। इस फर्जी शिक्षक नियोजन में चंडी के दो दलालों की भी भूमिका संदेह के घेरे में है।

चंडी (संजीत कुमार)। एक्सपर्ट मीडिया न्यूज  द्वारा नालंदा जिले में बहाल फर्जी शिक्षकों की खुलासा खबर को गंभीरता से लेते हुये जिप अध्यक्षा ने गुरूवार को चंडी प्रखंड के बीआरसी कार्यालय का निरीक्षण की। इस निरीक्षण में उनके साथ डीपीओ (स्थापना) अरिंजय कुमार भी थे। जिप अध्यक्षा के निरीक्षण में तस्वीर साफ नजर आई कि प्रखंड में बड़ी संख्या में फर्जी तरीके से शिक्षकों की बहाली की गई है।

nalanda education cruption 1चंडी प्रखंड में प्राधिकार का हवाला देते हुए डेढ़ साल में बहाल लगभग 42 शिक्षकों की नियोजन की हकीकत की हकीकत जानने जिला परिषद् अध्यक्षा तनुजा कुमारी व स्थापना डीपीओ अरिंजय कुमार ने गुरुवार को चंडी बीआरसी कार्यालय पहुंचे ।  इसी क्रम में प्रखंड के सभी पंचायत सचिव को भी तलब किया गया। जिसमे मात्र एक पंचायत सचिव अरविन्द कुमार ही उपस्थित हुए ।

तभी डीपीओ ने पंचायत सचिव से पूछा कि जब फरवरी 2016 में नालंदा डीएम के निर्देश पर प्राधिकार से बहाली पर रोक लगा रखी गई हैं, तब आप किसके आदेश से पंचायत में शिक्षक की बहाली कर रहे हैं ।

इस पर पंचायत सचिव ने कहा की मेरा फर्जी हस्ताक्षर बनाकर पंचायत में प्राधिकार का हवाला देकर बहाल किया गया है। इस बहाली से मेरा कोई लेना देना नहीं है। वही डीपीओ स्थापना ने प्राधिकार के हवाला से बहाल शिक्षक का कागजात बीईओ से मांग किया गया।

इस पर बीईओ बिंदु कुमारी ने कहा की  प्राधिकार के माध्यम से  हुई बहाल शिक्षक का बहाली का काम मुखिया और पंचायत सचिव करते हैं ।

इस बात पर डीपीओ ने बीईओ को आदेश दिया कि प्रखंड के सभी प्राथमिक व मध्य विधालय के प्रधानाध्यापक के साथ बैठक कर निर्देश दे कि आपके विधालय में जितने भी प्राधिकार के आदेश से कितने शिक्षकों ने योगदान दिया है, उसका प्राधिकार के आदेश का पत्र व शिक्षक का योगदान पत्र की छाया कॉपी लेकर जाँच पदाधिकारी को जल्द से जल्द उपलब्ध करा दे।

बीआरसी की भूमिका भी संदेह के घेरे में

प्राधिकार के हवाला से बहाल शिक्षक में बीआरसी कार्यालय का भमिका संदिग्ध पाया गया। कार्यालय में कार्यरत लेखापाल संजीव कुमार की भूमिका संदिग्ध पायी गयी।

जिप अध्यक्षा तुनजा कुमारी ने कहा कि  जिला शिक्षा पदाधिकारी नालंदा के कार्यालय आदेश। पत्रांक SS A/2084 दिनांक 26-12-15 को लेखापाल का तबादला हुआ था फिर भी किसके बलबूते पर बीआरसी कार्यालय में कार्य कर रहा है। जबकि प्राधिकार के हवाले से बहाल शिक्षक में बहाली में लेखापाल की भूमिका की भी सूचना मिल रही है। यही लेखपाल फर्जी  शिक्षकों को वेतन दिलाने में महत्वपूर्ण भुमिका निभाते है।

जिप अध्यक्षा तनुजा कुमारी के बीआरसी निरीक्षण के बाद से उन पंचायत के मुखियाओं और पंचायत सचिवों के बीच हडकंप मचा हुआ हैं जिन्होंने नियम कानून ताक पर रख कर शिक्षकों की अवैध बहाली की हैं । अगर सही तरीके से जांच की जाए तो चंडी में एक बड़े रैकेट का भी पर्दाफाश हो सकता है । इस फर्जी शिक्षक नियोजन में चंडी के दो दलालों की भी भूमिका संदेह के घेरे में है।

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