इस बीडीओ के इस कुकृत्य के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करे सरकार

    रांची (मुकेश भारतीय) झारखंड की सबसे बड़ी त्रासदी है कि यहां बागड़ ही खेत खाने लगता है। जिन लोक सेवकों पर भविष्य निर्माण की संवैधानिक जबाबदेही होती है, अपने विपरित आचरण से स्वंय तार-तार करते पकड़े जाते हैं।

    हालांकि राजधानी रांची के बीआईटी ओपी थाना के गौतम ग्रीन सिटी परिसर स्थित झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रजनीश कुमार के फ्लैट से मानसिक-शारीरिक प्रताड़ना की शिकार एक आठ वर्षीया नौकरानी की बरामदगी कोई नई बात नहीं है। लेकिन सबसे अहम सबाल यह है कि बिटिया बचाओ – बिटिया पढ़ाओ के नारों के साथ सरकार की अनेक कल्याणकारी योजनाओं के बीच कोई लोक सेवक यह कहकर कैसे बच सकता है कि  वह बच्ची को अपने घर में बेटी की तरह रखता था। जब उनकी पोस्टिंग ओरमांझी में थी, तो वहां के तत्कालीन मुखिया दीपक बड़ाईक ने उस स्कूली बच्ची को उनके घर यह कहकर भिजवाया था कि उसके परिजन उसके दूर के रिश्तेदार हैं। काफी गरीब परिवार है, इसलिए बच्ची उनके घर रह कर पढ़-लिख जाएगी, तो उसकी शादी भी ठीक से हो जाएगी।

    ओरमांझी में चार साल तक बीडीओ की कुर्सी पर येन केन प्रक्रेण जमे रहने वाले रजनीश कुमार सिंह सरीखे लोक सेवक भलि-भांति जानते हैं कि गरीब परिवार की बेटियों के पोषण-पढ़ाई के लिये राज्य-केन्द्र की सरकारों की इतनी योजनायें तो धरातल पर जरुर दिखती हैं कि उन्हें शोषण का शिकार न होना पड़े।

    बहरहाल, बीआईटी ओपी पुलिस प्रभारी पप्पु शर्मा ने सहायक श्रमायुक्त लक्ष्मी कुमारी, श्रमाधिकारी दिनेश भगत, बाल अधिकार कार्यकर्ता वैद्यनाथ कुमार के सहयोग-शिकायत पर जिस नाबालिग बच्ची को मुक्त कराया है, वह अनगड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली है।

    सीडब्ल्यूसी का कहना है कि उसके माता- पिता ने उसे बीडीओ रजनीश कुमार सिंह को यह कहकर सौंपा था कि वह पढ़ाएंगे। लेकिन, जब से उनके घर में आई, सिर्फ घरेलू काम कराया जा रहा था। बात-बात में मालकिन यानि बीडीओ की पत्नी मोनालिशा पिटाई कर देती थी। दिनभर काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। खाने- पीने का भी कोई ठिकाना नहीं था। कभी खाने को मिलता था और कभी भूखे रहना पड़ता था। रात में फर्श पर सोना पड़ता था। इतना ही नहीं, उसके पिता को बीडीओ की ओर से नौ महीने में मात्र पांच सौ ही रूपए दिए गए।

    बीआईटी ओपी इंचार्ज पप्पु कुमार कहते हैं कि नाबालिग बच्ची से घरेलू काम, मारपीट और प्रताडि़त करने के मामले में बीडीओ रजनीश कुमार सिंह व अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। बच्ची अभी सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में है। उसके बयान पर ही केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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